• News
  • sports
  • Lifestyle
  • Entertainment
  • Technology
  • Business
  • Articles
  • News
  • देश
  • दुनिया
  • sports
  • क्रिकेट
  • फूटबाल
  • बैडमिंटन
  • कुश्ती
  • बास्केटबॉल
  • हॉकी
  • बेसबाल
  • Lifestyle
  • फैशन
  • ब्यूटी
  • हेल्थ
  • Entertainment
  • बॉलीवुड
  • टी वी
  • हॉलीवुड
  • म्यूजिक
  • Technology
  • गैजेट्स
  • इन्टरनेट
  • मोबाइल
  • Articles
  • English
  • Hindi
Himcom News
Himcom News

July 29th, 2025
  • News
    • देश
    • दुनिया
  • sports
    • क्रिकेट
    • फूटबाल
    • बैडमिंटन
    • कुश्ती
    • बास्केटबॉल
    • हॉकी
    • बेसबाल
  • Lifestyle
    • फैशन
    • ब्यूटी
    • हेल्थ
  • Entertainment
    • बॉलीवुड
    • टी वी
    • हॉलीवुड
    • म्यूजिक
  • Technology
    • गैजेट्स
    • इन्टरनेट
    • मोबाइल
  • Business
  • Articles
    • English
    • Hindi
  • Follow
    • Facebook
    • Twitter
0 comments Share
You are reading
बंद की राजनीति और सोशल मीडिया
Home
News
राजनीति

बंद की राजनीति और सोशल मीडिया

April 14th, 2018 urvashi Goel Articles, Hindi, News, देश, राजनीति 0 comments

  • Tweet
  • Share 0
  • Skype
  • Reddit
  • +1
  • Pinterest 0
  • LinkedIn 0
  • Email
नई दिल्ली/कुमोद कुमार
दलित आंदोलन फिर उसके बाद आरक्षण विरोधी आंदोलन में ये रोज-रोज के भारत बंद आंदोलन कहां से पैदा हो रहे हैं? इसमें शामिल होने वाले लोग कहां से आ रहे हैं।
2 अप्रैल को हुए दलित विरोध प्रदर्शन किसके दिमाग की उपज थी यह कोई नहीं जानता। इन प्रदर्शनों में जो 10 से ज्यादा लोग मारे गए, इसकी जवाबदेही किसकी है? और उस दलित आंदोलन के जवाब में आज जो हिंसात्मक प्रदर्शन हुए, इसके पीछे किसका दिमाग है।2 अप्रैल वाला दलित आंदोलन था और 10 अप्रैल वाला सवर्ण आंदोलन।
दलित आंदोलन की मुख्य वजह थी दलित एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले पर अप्रैल से पहले एक कैंपेन चलाया गया।इस कैंपेन के जरिए देशभर के दलितों को 2 अप्रैल को एकजुट होकर मोदी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का आह्वान किया गया। दलित एक्ट में बदलाव के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पुनर्विचार याचिका में हुई देरी को सरकार का दलित विरोधी कदम बताया गया।
फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप के जरिए मैसेज फैलाए गए कि 2 अप्रैल को देशभर के दलित इकट्ठा होकर सरकार के दलित विरोधी रवैये के खिलाफ सड़कों पर उतरेंये आह्वान किसने किया था किसी को नहीं पता।
सरकार के विरोध में बने माहौल का फायदा बीएसपी, एसपी,आरजेडी से लेकर कांग्रेस और भीम आर्मी के दलित संगठन ने जमकर फायदा उठाया।मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा हंगामा हुआ।उत्तर प्रदेश से लेकर बिहार से झारखंड, पंजाब, हरियाणा से लेकर छत्तीसगढ़ में सड़कों पर काफी उपद्रव देखने को मिले।
जिस तरह से सोशल मीडिया के जरिए 2 अप्रैल के भारत बंद की भूमिका तैयार हुई ठीक उसी तर्ज पर दलित-ओबीसी आरक्षण के खिलाफ भारत बंद का माहौल बन गया। फेसबुक, ट्विटर और व्हॉट्सएप पर मैसेज वायरल हुए।लिखा गया- आरक्षण विरोध में 10 अप्रैल को सवर्ण-ओबीसी समर्थित भारत बंद का समर्थन करें। सोशल मीडिया पर सवर्ण-ओबीसी का गुट कैसे बन गया और ओबीसी आरक्षण का विरोध क्यों करने लगे,ये किसी को समझ नहीं आया।
2 अप्रैल के दलित आंदोलन में हिंसा को रोकने में नाकाम राज्य सरकारों के सामने 10 अप्रैल का सवर्ण आंदोलन नया संकट लेकर खड़ा हो गया।
दलित आंदोलन में चोट खाई सरकारों ने आनन-फानन में बड़ी तैयारियां कर लीं।मध्य प्रदेश में सरकार ने चुस्ती दिखाई।मध्यप्रदेश के भिंड जिले में सोमवार नौ अप्रैल की शाम छह बजे से ही कर्फ्यू लागू कर दिया गया।दस अप्रैल को स्कूल, कॉलेज बंद कर दिए गए।भिंड सहित पूरे ग्वालियर चंबल संभाग में रविवार की रात बारह बजे से ही इंटरनेट की सेवाएं बंद कर दी गईं। राजस्थान में भी कई जगहों पर इंटरनेट सेवाएं रोक दी गईं। हालांकि इन सबके बीच पुलिस प्रशासन के लिए मुश्किल सवाल ये था कि वो एहतियाती कदम तो उठाएं लेकिन नजर किस संगठन पर रखें कि संभावित हिंसा को रोका जा सके। किसी ने इस बंद के ऐलान की जिम्मेदारी नहीं ली थी।
सोशल मीडिया से उपजे दलित विरोध के जवाब देने की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं था। हालांकि 10 अप्रैल को सारे एहतियाती कदम उठाए जाने के बाद भी कई जगहों से तोड़फोड़ की खबरें आईं. बिहार में आरा, छपरा, दरभंगा, बेगूसराय, गया, नालंदा से हिंसा की खबरें आईं। आरा में दो गुटों ने आमने-सामने आकर फायरिंग की। एसडीओ की गाड़ी जला दी. दरभंगा के ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी में बीए की परीक्षा स्थगित कर दी गई थी। बरौनी, बेगूसराय और नालंदा में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर आकर ट्रेन को रोक दिया।कई जगहों पर सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन हुए। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पुलिस-प्रशासन ड्रोन से लगा कर पूरी तरह पैनी नज़र बनाये हुए था।
सरकार इस बार ज्यादा सचेत थी इसलिए इस बार हिंसा कम हुई।इस तरह से अगर सोशल मीडिया से विरोध प्रदर्शन उपजता रहा तो ये आने वाले दिनों में और मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं. सोशल मीडिया के एक पोस्ट से अगर जातीय गोलबंदी हो जाए तो समझा जा सकता है कि ये कितने खतरनाक हो सकता हैं इसलिए सोशल मीडिया पर सरकार को काबू में रखने की जरूरत हैं।सड़कों पर हुए पिछले दो हिंसात्मक विरोध प्रदर्शन ने कुछ बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं।
  • Tweet
  • Share 0
  • Skype
  • Reddit
  • +1
  • Pinterest 0
  • LinkedIn 0
  • Email
0%

Summary

  • Tags
  • Amit Shah
  • arakshan andolan india
  • bhim army
  • BSP
  • dalit andolan
  • dalit sena
  • genral/obc andolan
  • himcomnews indi
  • HIMCOMNEWS INDIA
  • hmo
  • Mayawati
  • namo
  • ramvilas paswan
Facebook Twitter LinkedIn Pinterest WhatsApp
Next article न्यू इंडिया बाबा साहेब के भी सपनों का भारत: मोदी
Previous article हिमाचल में 16 को भारी बारिश की संभावना

urvashi Goel

Related Posts

Voices of Labour: The Legacy and Importance of May Day Articles
May 1st, 2025

Voices of Labour: The Legacy and Importance of May Day

Eid Ul Fitr : The Festival of Joy and togetherness Articles
March 31st, 2025

Eid Ul Fitr : The Festival of Joy and togetherness

Celebrating International Waffle Day: A Delicious Tradition Articles
March 25th, 2025

Celebrating International Waffle Day: A Delicious Tradition

Leave a Reply Cancel reply

You must be logged in to post a comment.

Weekly Timeline
May 1st 4:48 PM
Articles

Voices of Labour: The Legacy and Importance of May Day

Mar 31st 2:48 PM
Articles

Eid Ul Fitr : The Festival of Joy and togetherness

Mar 25th 5:27 PM
Articles

Celebrating International Waffle Day: A Delicious Tradition

Mar 21st 12:51 PM
Articles

बसौड़ा पर्व: शीतला माता की पूजा और बासी भोजन की परंपरा

Mar 20th 11:54 AM
Articles

How to Stay Safe Online

Mar 19th 3:25 PM
Articles

The Future of Space Exploration

Mar 17th 11:21 AM
Articles

Holi: The Festival of Colours!

Weekly Quote

I like the dreams of the future better than the history of the past.

Thomas Jefferson
  • News
  • sports
  • Lifestyle
  • Entertainment
  • Technology
  • Business
  • Articles
  • Back to top
© Himcom News 2017. All rights reserved.
Managed by Singh Solutions