केन्द्रीय संचार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा ने कहा है कि भारतीय डाक ने अपनी बेजोड़ पहुंच और विश्वसनीयता का बेहतरीन इस्तेमाल करते हुए डिजिटल बैंकिंग और अन्य सरकारी सेवाओं को घर-घर तक पहुंचाने का काम किया है।
विश्व डाक दिवस के अवसर पर नई दिल्ली में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए श्री सिन्हा ने भारतीय डाक द्वारा शुरू की गई विभिन्न सेवाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि गत माह प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जिस इंडिया पोस्ट पेंमेंट बैंक 650 शाखाओं और 3250 केन्द्रों (एक्सेस प्वाइंट) का शुभारंभ किया था, उससे अब डाकिये उन लाखों लोगों के लिए बैंकर की भूमिका में आ गए हैं, जिनकी अभी तक बैंकों और अन्य वित्तीय सेवाओं तक कोई पहुंच नहीं थी। उन्होंने कहा कि देश में अब तक आईपीपीबी के 12 लाख से ज्यादा खाते खोले जा चुके हैं। इन खातों में 13 करोड़ से ज्यादा रुपया जमा किया गया है। इस वर्ष 31 दिसम्बर तक देश के सभी 1.55 लाख डाक घरों को आईपीपीबी सेवा से जोड़ दिया जाएगा।
संचार मंत्री ने कहा कि भारतीय डाक देश में लोगों को सुगम, जवाबदेह और सुलभ सेवा उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। डाक विभाग ने विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर 221 डाक घरों में पासपोर्ट सेवा केन्द्र खोले हैं। इन केन्द्रों में अब तक 15 लाख से ज्यादा पासपोर्ट आवेदनों पर काम किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के सहयोग से डाक घरों में 13,352 आधार पंजीकरण केन्द्र खोले गए हैं। इन केन्द्रों में आधार कार्ड पंजीकरण के साथ ही उनमें किसी तरह के बदलाव का काम भी किया जाता है। इन केन्द्रों में 21 लाख से ज्यादा आधार पंजीकरण या उससे जुड़ी सेवाओं पर काम किया जा चुका है।
श्री सिन्हा ने कहा कि अब डॉक्टरों, इंजीनियरों, प्रबंधन सलाहकारों, लेखाकारों, आर्किटेक्टों, अध्यापकों, वकीलों, बैंकरों और एनएससी और बीएससी में सूचीबद्ध कंपनियों को भी डाक जीवन बीमा के दायरे में लाया जा चुका है। देश के 1600 से ज्यादा गांवों में संपूर्ण बीमा ग्राम योजना के तहत दो लाख से ज्यादा परिवारों को वित्तीय सुरक्षा दी गई है। कुल खोले गए 1.46 करोड़ सुकन्या समृद्धि खातों में से अब तक 1.27 करोड़ खाते डाक घरों में खोले गए हैं। डाक विभाग ने डाक टिकट संग्रह के शौक को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में अनुसंधान के लिए दीनदयाल छात्रवृत्ति योजना जैसी रचनात्मक पहल भी की है। योजना के तहत वर्ष 2017-18 की अवधि में 841 छात्रों को छात्रवृत्ति दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में सरकार डाक विभाग के कर्मचारियों के हितों और उनके कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हाल ही में 2.6 ग्रामीण डाक सेवकों के वेतन-भत्तों में बढ़ोतरी इसका प्रमाण है। इससे ग्रामीण डाक सेवकों के वेतन-भत्तों में 55 फीसदी से ज्यादा की वृद्धि हुई है।
संचार मंत्री ने इस अवसर पर भारतीय डाक के विभिन्न उत्पादों और सेवाओं पर एक पुस्तिका का विमोचन भी किया। संचार सचिव श्री अनंत नारायण नंद ने विभाग में एक नए पार्सल निदेशालय की स्थापना पर प्रकाश डालते हुए का कि देश में ई-कॉमर्स व्यवसाय के उभरने से पार्सल सेवाओं में भी बड़ा बदलाव आया है। ‘हम देशवासियों की बदलती जरूरतों के साथ तालमेल बैठाने के लिए कुछ नया करना जारी रखेंगे।’
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