नई दिल्ली. उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा है कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) सही मायने में देश की आतंरिक सुरक्षा प्रणाली का सबसे मजबूत स्तम्भ है। वे आज यहां सीआरपीएफ के शौर्य दिवस के अवसर पर सीआरपीएफ के अधिकारियों और जवानों को वीरता पदक प्रदान करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि हॉटस्प्रिंग्स में दिए गए बलिदान, कच्छ के रण में सरदार चौकी पर हुई लड़ाई, संसद भवन पर हुए हमले में लोकतंत्र के आधार स्तम्भ की सुरक्षा तथा अयोध्या में हमले को रोकने जैसी घटनाओं का सशस्त्र पुलिस बलों के इतिहास में दूसरा कोई उदाहरण नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ के जवानों ने राष्ट्र विरोधी तत्वों के खिलाफ अभियान में तथा देश की एकता और सम्प्रभुता को बनाए रखने के लिए अपनी वीरता के कई अद्वितीय उदाहरण पेश किए हैं। वीरता और शौर्य की यह गाथा हम सभी को हमेशा प्रेरित करती रहेगी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सरकार को कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद करने में अहम भूमिका निभाने के साथ ही सीआरपीएफ संसद भवन सहित कई महत्वपूर्ण सरकारी प्रतिष्ठानों की रखवाली भी कर रहा है। यह सही मायने में देश की आंतरिक सुरक्षा प्रणाली का सबसे मजबूत स्तम्भ है।
उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ ने जम्मू-कश्मीर में तैनाती के दौरान सराहनीय काम किया है। राज्य में इस बल ने पिछले एक साल के दौरान कई अभियान चलाए हैं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को प्रभावी तरीके से नियंत्रित करते हुए सीआरपीएफ ने कम्युनिटी एक्शन प्रोग्राम के जरिये अपनी विश्वसनीयता और स्वीकार्यता बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि यह बहुत राहत की बात है कि इन प्रयासों से आतंकवादी गतिविधियों में काफी कमी आई है
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