21 दिसंबर 19, शिवानी पाल
इन तीनों में क्या अंतर है और क्या इन तीनों में आपस में कोई संबंध है आज हम इसी पर बात करेंगे देश के नागरिक होने के नाते आपको इसे जानना चाहिए अगर आप किसी भी प्रकार से इस प्रोटेस्ट में शामिल है तो इसे जानना चाहिए।
CAB जिसे नागरिकता संशोधन विधेयक (citizen amendment Bill)कहा जाता है। 9 दिसंबर 2019 को लोकसभा में इसे पारित किया गया था जहां 311 मतों के साथ इसे मंजूरी मिल गई 12 दिसंबर 2019 को राष्ट्रपति की अनुमति मिलने वा राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद से यह एक कानून बन गया और अब इसका नाम CAA हो गया।
जब कभी कोई नया कानून या कानून में संशोधन किया जाता है तो उससे पहले उस कानून का ड्राफ्ट तैयार किया जाता है जिसे बिल कहते हैं।
नागरिकता संशोधन बिल को सबसे पहले 2016 में भारत की संसद में प्रस्तुत किया गया था संशोधन(Amendmend) क्यों है क्योंकि पहले से इस पर एक कानून बना हुआ है । 1955 का यह नागरिकता अधिनियम जिसमें कुछ संशोधन या बदलाव किए गए हैं।
संशोधन करने के लिए जब एक ड्राफ्ट गया और लोकसभा में पेश किया गया तब यह बन गया CAB लेकिन संसद से पारित होने और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद 12 दिसंबर 2019 से यह एक कानून बन गया जिसे सिटीजन अमेंडमेंट एक्ट यानी CAA कहा जाता है।
तो अब CAB पर नहीं CAA पर चर्चा होनी चाहिए CAAके बनने के बाद CABका कोई अस्तित्व नहीं रहा।
CAA और NRC का उद्देश्य क्या है
CAA का उद्देश्य है पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान में जिनके साथ धार्मिक प्रताड़ना हो रही है या हुई है और वह 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए हैं या उनको वहां से भगाया गया है उनको भारत में नागरिकता देने का प्रावधान इसमें है।
NRC भारतीय नागरिकों के नाम वाला एक रजिस्टर है जिसे बांग्लादेश से आए हुए घुसपैठियों की पहचान करने के लिए असम में अपडेट किया गया था यह पूरे देश में लागू नहीं किया गया है जबकि CAA पूरे देश में लागू किया गया है।
जिन बांग्लादेशी घुसपैठियों ने 1971 के बांग्लादेशी युद्ध में भारत में प्रवेश किया था । एनआरसी के अनुसार केवल वह व्यक्ति जो 25 मार्च 1971 से पहले असम के नागरिक थे या उनकी पूर्वज असम के थे उन्हें भारतीय नागरिक माना जाता है।
NRC के उद्देश्य
असम के नागरिकों का दावा है कि बांग्लादेशी प्रवासियों ने उनके अधिकार को लूट लिया है और भी राज्य में हो रही आपराधिक गतिविधियों में शामिल है है, इसीलिए इन शरणार्थियों को उनके देश वापस भेज देना चाहिए
असम एनआरसी अपडेट करने का उद्देश्य वहां जो घुसपैठिया है जो विदेशी हैं और जो भारत के नागरिक हैं उनमें पहचान करना है और घुसपैठियों को बाहर निकालना है।
NRC भारत में घुसने वाले विदेशी घुसपैठियों को बाहर निकालने की बात करता है अर्थात भारत में रह रहे विदेशी घुसपैठियों की नागरिकता छीना है छिनना है जबकि CAA के माध्यम से विदेशी घुसपैठियों को भारत की नागरिकता दी जाएगी।
NRC के माध्यम से उन लोगों को भारत का नागरिक माना जाएगा, 24 March 1971 या इससे पहले भारत के नागरिक हैं जबकि सीएएए में उन लोगों को नागरिकता दी जाएगी जो दिसंबर 31 2019 को या उससे पहले भारत आए थे
एनआरसी का धर्म से कोई लेना देना नहीं है अर्थात जो भी विदेशी है जिसने घुसपैठ किया है उसे देश छोड़ कर जाना होगा उसे बाहर किया जाएगा इसका नाम इस रजिस्टर में नहीं होगा।
लेकिन CAA में जो धार्मिक रूप से प्रताड़ित है उसे भारत की नागरिकता दी जाएगी तो इसका संबंध धर्म से है । जिन देशों के लिए यह किया गया है उनमें पाकिस्तान बांग्लादेश और अफगानिस्तान शामिल है।
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