केन्द्रीय आयुष राज्य मंत्री श्री श्रीपद येस्सो नाइक ने दिल्ली के नरेला में राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान की आधारशिला रखी। यह एक राष्ट्रीय स्तर का संस्थान होगा और इसकी स्थापना कोलकाता के राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान के विस्तार के रूप में की जाएगी। इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री नाइक ने कहा कि होम्योपैथी की स्वीकार्यता और लोकप्रियता भारत और विश्वभर में बढ़ती जा रही है।
आयुष मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय देश में आयुष चिकित्सा प्रणालियों के विकास और प्रोत्साहन के लिए विभिन्न उपाय कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘आयुष संस्थानों में विद्यार्थियों के दाखिले में एकरूपता लाने और आयुष के अंतर्गत प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का समावेश सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2016-17 से मंत्रालय ने आयुष स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा संचालित राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा की योग्यता सूची का इस्तेमाल करने का निर्णय किया है। इसके अतिरिक्त स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय स्तर की संयुक्त प्रवेश परीक्षा, अर्थात् अखिल भारतीय स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा (एआईएपीजीईटी) आयोजित की गई।’’ उत्तर-पश्चिम दिल्ली से सांसद डॉ. उदित राज और उत्तरी-दिल्ली नगर निगम के महापौर श्री आदेश गुप्ता भी इस अवसर पर मौजूद थे।
नरेला स्थित राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान की स्थापना दिल्ली विकास प्राधिकरण से प्राप्त 10 एकड़ भूमि पर की जा रही है। इसके परिसर का कुल क्षेत्रफल 50 हजार वर्ग मीटर होगा। संस्थान में 100 बिस्तरों के अस्पताल और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए उत्कृष्ट केन्द्र स्थापित करने का प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि होम्योपैथी में उच्च गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान और उपचार का अंतराल दूर करने के लिए इस संस्थान में केवल स्नातकोत्तर और पीएच.डी स्तर के शिक्षण की व्यवस्था होगी। इस परियोजना पर कुल 302 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है।
संस्थान 7 विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम संचालित करेगा। प्रत्येक शैक्षिक वर्ष में हर विभाग में 7 स्नातकोत्तर विद्यार्थियों को दाखिला दिया जाएगा। पीएचडी पाठ्यक्रम में हर वर्ष 10 विद्यार्थी दाखिल होंगे। अस्पताल के ओपीडी विभाग के अंतर्गत सामान्य और विशेषज्ञतापूर्ण उपचार की व्यवस्था होगी।
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