WHO की रिपोर्ट बताती है कि पुरुषों में मुंह या गले में सबसे ज्यादा कैंसर के मामले सामने आते हैं। इसके बाद लंग कैंसर हैं। 2022 में पुरुषों में कैंसर के 6.91 लाख मामले सामने आए थे इनमें से डेढ़ लाख से ज्यादा मामले मुंह-गले या लंग कैंसर के थे।
दुनियाभर में लगातार बढ़ रहे कैंसर के मामलों के बीच रूस ने दावा किया है कि उसने कैंसर की वैक्सीन बना ली है रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 2025 से वैक्सीन लगानी शुरू कर दी जाएगी। रूस ने ये भी साफ किया है कि इस वैक्सीन का शॉट सिर्फ कैंसर मरीजों के लिए होगा, न कि ट्यूमर को बनने से रोकने के लिए होगा।
हालांकि, अभी तक ये साफ नहीं है कि वैक्सीन किस कैंसर के लिए होगी, ये भी नहीं बताया गया है कि वैक्सीन कितनी असरदार है। इतना ही नहीं, वैक्सीन का नाम भी अब तक सामने नहीं आया है। हालांकि, रूस ने ये जरूर बताया है कि वो इसे अपने देश के मरीजों को फ्री में लगाएगा।
अगर रूस का दावा सही होता है और कैंसर की वैक्सीन आती है, तो ये मेडिकल साइंस में बड़ा कदम होगा। क्योंकि कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे हर साल लाखों लोगों की मौत हो जाती है। WHO के मुताबिक, दुनियाभर में मौत की दूसरी सबसे बड़ी वजह कैंसर है दुनिया में होने वाली हर 6 में से 1 मौत का कारण कैंसर होता है।
भारत में भी कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं साल दर साल कैंसर के मरीज और इससे होने वाली मौतों की संख्या बढ़ रही है. 2025 तक भारत में कैंसर मरीजों की संख्या 15 लाख के पार होने की आशंका है।
कीमोथेरेपी की जरूरत नहीं होगी क्या
डॉ.अंशुमान बताते हैं कि रूस के एनाउंसमेंट में खास बात ये है कि उन्होंने कहा है कि अगले साल के शुरुआत से वो वैक्सीन देना शुरू कर देंगे क्लिनिकल ट्रायल कर लिया है और अब मरीजों को उपलब्ध कराएंगे, हालांकि ये घोषणा राजनीतिक रूप से की गई है , मेडिकल इंफ़ॉर्मेशन नहीं दी गई है.
डॉ. अंशुमान कुमार ने कहा कि अगर ये वैक्सीन कारगर हुई तो कीमोथेरेपी की जरूरत नहीं पड़ेगी। यूके में ऐसी एक वैक्सीन फ़रवरी 2024 में बनाई गई जो पेशंट्स को लगाई भी जा रही है!
किस तरह से काम करती है mRNA वैक्सीन?
कैंसर रोगी के शरीर में कोई भी सेल अप्रत्याशित रूप से तेजी से बढ़ने लगता है और ट्यूमर का रूप ले लेता है। रूस की ओर से विकसित mRNA वैक्सीन में शरीर में मौजूद इस तरह के ट्यूमर को रोकने में मदद करता है,
पुरुषों के जेनेटिक कोड के हिस्से में RNA होता है जो हमारी सेल्स के लिए विशिष्ट प्रोटीन का निर्माण का कार्य करता है
वहीं जब हमारे शरीर पर किसी वायरस या बैक्टीरिया का हमला होता है तो mRNA टेक्नोलॉजी हमारी सेल्स को एक मैसेज भेजती है, जिसमें प्रोटीन बनाने का संदेश दिया जाता है।
इस मैसेज का उद्देश्य होता है कि हमारे Emmune System को लड़ने के लिए जो भी जरूरी प्रोटीन होता है वो उसे मिल सके। यह जरूरी प्रोटीन मिलने से शरीर में एंटीबॉडी बन जाती है। इसमें जल्द वैक्सीन बन जाती है और व्यक्ति की इम्युनिटी मजबूत हो जाती है।
दरअसल कैंसर कोई बीमारी नहीं है यह शरीर में अलग-अलग परिस्थितियों का परिणाम है, जो शरीर को नुकसान पहुंचाता है। यही कारण है कि कैंसर विशेषज्ञों के मुताबिक, कैंसर की वैक्सीन बनाना एक तरह से असंभव है। हालांकि वैक्सीन कुछ प्रकार के कैंसर में उपयोगी होती हैं और सुरक्षा प्रदान करती हैं
हालांकि कैंसर वैक्सीन कभी भी रोग से पहले नहीं दी जाती है। यह उन लोगों को दी जाती है, जिन्हें कैंसर का ट्यूमर होता है। वैक्सीन इम्यून सिस्टम को यह बताती है कि कैंसर सेल्स किस तरह की हैं।
Shivam Singh
BJMC1
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