19 नवंबर 2019, दिव्यांश यादव
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अपने नाम बदलने वाली नीति के कारण शुरू से विवादों में रही है, अब एक ऐसी ही खबर आ रही है !
इलाहाबाद और फैजाबाद के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ताज नगरी आगरा का नाम बदलने की तैयारी में हैं !
बताया जा रहा है कि आगरा का नाम अब अग्रवन हो सकता है. सरकार ने इसकी जिम्मेदारी अंबेडकर यूनिवर्सिटी को सौंपी है. यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग से नामों से संबंधित सुझाव भेजने को कहा गया है. विभाग से आगरा के नाम संबंधी साक्ष्य भी मांगे गए है !
योगी सरकार ने इसको लेकर इतिहासकारों से भी बातचीत की है. इतिहास के जानकारों के मुताबिक, आगरा का नाम अग्रवन हुआ करता था. शासन अब ये साक्ष्य तलाशने की कोशिश कर रहा है कि अग्रवन का नाम आगरा किन परिस्थितियों में किया गया !
ताजमहल के शहर आगरा का प्राचीन काल में किस नाम से जाना जाता था, इसकी सटीक जानकारी के लिए अम्बेडकर यूनिवर्सिटी इतिहासकारों की राय जानेगी !
शासन से आई चिट्ठी के बाद आगरा का नाम बदलने की को लेकर यह अत्यंत शुरुआती प्रक्रिया है, इतिहासकारों की मानें तो आगरा को महाभारत काल में अग्रवन या अंगिरा नाम से जाना जाता था !
मुगलकाल में इसकी पहचान आगरा के रूप में हुई. तवारीख-ए-आगरा पुस्तक में भी आगरा का प्राचीन नाम अग्रवन होने की बात दर्ज है,ऐतिहासिक नगर आगरा का मुख्य इतिहास मुगल काल से जाना जाता है, लेकिन इस नगरी का संबंध महर्षि अंगिरा से रहा है, 1000 वर्ष पूर्व महर्षि अंगिरा हुए थे, इतिहासकारों के अनुसार आगरा का जिक्र अग्रबाण या अग्रवन के रूप में महाभारत काल में होता था, कुछ लोगों का यह भी कहना है कि आगरा नगर अत्यंत प्राचीन काल में आर्यग्रह नाम से भी पहचाना जाता था, लेकिन तौलमी पहला ज्ञात व्यक्ति था जिसने यमुना किनारे बसे इस शहर को आगरा के नाम से संबोधित किया,
योगी सरकार की ये नाम बदलने वाली लगातार विवादों में रही है, विपक्ष लगातार तुष्टिकरण का आरोप लगाती रही है !
अब सोचना आपको यही है क्या नाम बदलने से ये शहर विकसित होंगे या ये सिर्फ मुस्लिम शासकों के साक्ष्य बदलने वाली बुरी सोच है ?
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