पंजाब का नाम और खालिस्तान का नाम बेहद चर्चाओं में है. जिसके पीछे की वजह से सभी लोग वाकिफ है लेकिन इतिहास से कम ही लोग रूबरू है.
भारत पाक का इतिहास खालिस्तान की दास्तां करता है बयां
इतिहास के पन्नों को पलटकर देखें तो अब तक के इतिहास में कई देश ने अपनी आजादी के लिए संघर्ष किया है. लेकिन एक ऐसा भी देश है जिसकी मांग दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. जो आने वाले सालों में खालिस्तान के नाम से जाना जाएगा. बता दें, खालिस्तान की स्थापना की मांग के पीछे एक सिख संगठन “पंजाब दे वारिस” का होना है. जो सिख राजनीति और सिख धर्म को एकत्रित करने के लिए आज़ादी के समय से लड़ रहा है.

स्वतंत्र राज्य की मांग हर ओर फैला रही अशांति
खालिस्तान के मांग की शुरुआत आज़ादी के पश्चात् और बटवारें के साथ शुरू हुई. जब सिख संगठन अखिल भारत सिख जत्थे ने अपनी मांगों के लिए लड़ाई शुरू की तब उनकी मांग थी कि भारत से वो एक स्वतंत्र राज्य का घटन करें. जिससे खालिस्तान का नाम दिया जाए. कुछ सालों के बाद सन् 1984 में एक सिख गुरु के मंदिर में भारत सरकार द्वार आतंकवाद समूह के विरोध में एक आप्रवासी आंदोलन का समर्थन करने वाले सिखों के खिलाफ एक बड़ी शांति विरोधी अभियान चला गया. इस अभियान में बहुत से सिख मारे गए और सिख संगठन के नेताओं को गिरफ्तार किया गय. इसके बाद, खालिस्तान आंदोलन को एक बड़ा स्थानीय आंदोलन बनाया गया. जिसकी जंग अब देश में बटवारें की मांग कर रही है.
Sumaira Khan (BMC 2)
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