उप-राष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू, जो इस समय एएसईएम सम्मेलन 2018 के लिए ब्रुसेल्स में हैं, ने कल ईयू मुख्यालय में ग्रीस के प्रधानमंत्री श्री एलेक्सिस टिसिप्रास के साथ द्विपक्षीय स्तर पर बात-चीत किया। दोनों लोगों ने दोनों देशों के बीच नियमित उच्चस्तरीय बात-चीत के प्रति संतुष्टि व्यक्त की और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को आर्थिक और लोगों के बीच संपर्कों के माध्यम से और मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की।
भारत और ग्रीस के बीच सदियों से पारंपरिक दीर्घकालिक संबंध हैं। प्रधानमंत्री टिसिप्रास ने जून 2018 में राष्ट्रपति जी की सफल यात्रा की याद दिलाया। उन्होंने उप-राष्ट्रपति श्री नायडू को ग्रीस की आर्थिक स्थितियों और वित्तीय प्रणाली में स्थिरता बहाल करने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने तारीफ करते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास ने वैश्विक आर्थिक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव डाला है। उन्होंने भारतीय कंपनियों को विशेष रूप से बंदरगाह क्षेत्र में ग्रीस में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने उपयुक्त समय पर ग्रीस आने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी को निमंत्रण भी दिया।
उप-राष्ट्रपति ने 2019 में थिस्सलोनिकी अंतर्राष्ट्रीय मेले में भारत को “सम्मानित देश” के रूप में आमंत्रित करने के लिए प्रधानमंत्री टिसिप्रास को धन्यवाद दिया।उन्होंने कहा कि भारत इस मेले में एक मजबूत व्यापार प्रतिनिधिमंडल के साथ भाग लेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री टिसिप्रास को भारत की आर्थिक स्थिति के बारे में बारे में विस्तार से बताया और साथ ही भारत सरकार द्वारा विकास हेतु किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों और प्रमुख पहलों से भी अवगत कराया। उन्होंने दोनों देशों के बीच पर्यटन के क्षेत्र में और अधिक बढ़ावा देने पर जोर दिया।
उपराष्ट्रपति ने विभिन्न निर्यात नियंत्रण संस्थानों में भारत की सदस्यता का समर्थन करने के लिए ग्रीस का धन्यवाद किया और साथ ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी के निरंतर समर्थन के लिए भी ग्रीस का धन्यवाद किया। उन्होंने ग्रीक विद्वान डेमेट्रियस गैलानोस के बारे में भी बात की जिन्होंने अन्य ग्रंथों सहित भगवत गीता का ग्रीक में अनुवाद किया था।
Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.