केन्द्रीय वस्त्र मंत्री श्रीमती स्मृति जुबिन इरानी ने कल ग्रेटर नोएडा स्थित इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित कार्यक्रम में वर्ष 2015-16 और 2016-17 के लिए निर्यात में उत्कृष्ट प्रदर्शन हेतु हस्तशिल्प पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर केन्द्रीय वस्त्र राज्य मंत्री श्री अजय टम्टा और हस्तशिल्प विकास आयुक्त शांतमनु भी उपस्थित थे। 136 निर्यातकों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए पुरस्कार दिए गए। 2015-16 के लिए 70 पुरस्कार और 2016-17 के लिए 66 पुरस्कार दिए गए।
इस अवसर पर वस्त्र मंत्री ने कहा कि निर्यात पुरस्कार कारीगरों को बेहतर उत्पाद निर्माण करने की प्रेरणा देते है और दूसरों को अगले वर्ष कठिन मेहनत करके पुरस्कार प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करते है। इस स्वस्थ प्रतिस्पर्धा से व्यक्तिगत स्तर पर लाभ प्राप्त होता है तथा विदेशी मुद्रा अर्जित करने के लिए देश का मार्ग प्रशस्त होता है। निर्यात से देश के लाखों कारीगरों का एक ब्रांड ईमेज बनता है कि वे विश्व स्तरीय उत्पादों का निर्माण कर सकते है।
वस्त्र मंत्री ने हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि परिषद ने अवसंरचना सुविधाओं के निर्माण, हस्तशिल्प उत्पादों के ब्रांड का निर्माण तथा नए डिजाइन और शैली के क्षेत्र में निर्यातकों की सहायता के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने परिषद की प्रशंसा करते हुए कहा कि परिषद ने कारीगरों के बच्चों के लिए डिप्लोमा कोर्स की शुरूआत की है। उन्होंने ईपीसीएच से एक पुरस्कार की शुरूआत करने का आग्रह किया। यह पुरस्कार उन निर्यातकों को दिया जाएगा जो कारीगरों को संकट के दौरान सहायता प्रदान करते है।
ईपीसीएच के श्री ओ.पी. प्रह्लाद ने कहा कि नए बाजारों में प्रवेश के लिए परिषद ने हाल ही में नाइजीरिया के लागोस में एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया। परिषद ने लागोस के व्यापार परिसंघों के समक्ष प्रस्ताव दिया है कि नाइजीरिया के डिजाइनर, जीवनशैली, फैशन, फर्नीचर और वस्त्र उत्पादों के क्षेत्र में अपनी जरुरतों की आपूर्ति भारत से करें।
2015-16 के दौरान 21557.12 करोड़ रुपये के मूल्य के हस्तशिल्प उत्पादों का निर्यात हुआ था जो 2016-17 में बढ़कर 24392.39 करोड़ रुपये हो गया। इस प्रकार निर्यात में रुपये के संदर्भ में 13.15 प्रतिशत और डॉलर के संदर्भ में 10.52 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अप्रैल-नवंबर, 2018-19 के दौरान 16825.75 करोड़ रुपये मूल्य के हस्तशिल्प उत्पादों का निर्यात हुआ है।
Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.