नई दिल्ली। पचास हजार फीट तक उड़ान भरने में सक्षम तेजस ने सफलता की एक और बेहतरीन उड़ान भर ली है। इस स्वदेशी लड़ाकू विमान ने डर्बी मिसाइल के जरिये हवा से हवा में मार करने में अपनी दक्षता सिद्ध की और चांदीपुर के अंतरिम परीक्षण केंद्र में लक्ष्य को सफलतापूर्वक नष्ट करके दिखाया।
तेजस का यह परीक्षण इस समय उसमें मौजूद प्रणालियों के साथ डर्बी को जोड़ा जाना था और उसकी सफलता का आकलन करना था। तेजस के इस परीक्षण को त्रुटिहीन माना गया है क्योंकि इसकी सभी प्रणालियों का प्रदर्शन संतोषजनक रहा।
तेजस की अपनी खूबियां हैं और यह जेएफ-17 से कहीं अधिक बेहतर माना जाता है। जेएफ-17 पाकिस्तान और चीन के साझा उपक्रम से बना है। तेजस में हवा से हवा में मार करने वाली डर्बी मिसाइल लगी है तो जमीन से जमीन मार करने वाली आधुनिक लेजर गाइडेड बम लगे गये हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि तेजस देश के पुराने मिग-21 और मिराज 2000 से कहीं अधिक ताकतवर है। तेजस का आधुनिक कंट्रोल सिस्टम इसे और भी ताकतवर बनाता है।
इतना ही नहीं तेजस की रफ्तार 1350 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इसकी एक खूबी यह है कि तेजस एक ही उड़ान में 2300 किमी की दूरी तय कर सकने में सक्षम है। तेजस में हवा में ही ईँधन भरा जा सकता है जबकि जेएफ-17 में ऐसा नहीं किया जा सकता। विस्फोटक और बम ले जाने में भी जेएफ-17 से कहीं अधिक सक्षम है। तेजस की खूबी यह है कि वह अपने साथ तीन हजार किलो और बम लेकर उड़ान भर सकता है। उधर जेएफ-17 की क्षमता इस मामले में 2300 किलो ही है।
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