नई दिल्ली। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री अरुण जेटली ने उन कंपनियों के लिए 25 प्रतिशत के घटे हुए दर का प्रस्ताव किया है, जिनका वित्त वर्ष 2016-17 के दौरान टर्नओवर 250 करोड़ रुपए तक है। यह सूक्ष्म लघु और मझौले उद्यमों के पूरे संवर्ग को फायदा पहुंचाएगा। टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाली 99 प्रतिशत कंपनियां इसी संवर्ग में आती हैं। इस निर्णय से सरकार को वित्त वर्ष 2018-19 में 7000 करोड़ रुपए की राजस्व हानि होगी। इसे स्वीकार करते हुए वित्त मंत्री ने आज संसद में कहा, ‘चरणबद्ध तरीके से कॉरपोरेट टैक्स में कमी लाने के मेरे वायदे को पूरा करने की दिशा में उठाया गया कदम है’। कॉरपोरेट टैक्स की निम्न दर से 99 प्रतिशत कंपनियों को फायदा होगा। उनके पास निवेश करने के लिए अतिरिक्त धन होगा। इससे रोजगार के नये मौके बनेंगे।
वित्त मंत्री ने आम बजट 2017 को याद करते हुए कहा कि उन्होंने 50 करोड़ रुपए तक टर्नओवर वाली कंपनियों के लिए कॉरपोरेट टैक्स को कम करके 25 प्रतिशत तक लाने की घोषणा की थी। टैक्स रिटर्न दाखिल करने वाली कुल कंपनियों में से 96 प्रतिशत कंपनियों को इससे फायदा हुआ। वित्त मंत्री ने कहा कि इस निर्णय के पश्चात रिटर्न दाखिल करने वाली कुल 7 लाख कंपनियों में से 7000 कंपनियां ऐसी होंगी, जिनका टर्नओवर 250 करोड़ रुपए से अधिक होगा और वे 30 प्रतिशत के कर दायरे में आएंगी
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