आईडीबीआई बैंक की याचिका पर सुनवाई करते हुए नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल ने एक आदेश में यह कहा था कि 8,365 करोड़ रुपये के कर्ज में फंसी कंपनी को अपने हालात सुधारने के लिए 270 दिनों का समय दिया जाएगा। यदि इस बीच कंपनी की स्थिति मे बदलाव ना हुआ तो कंपनी की संपति जप्त कर ली जाएगी।
हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने खरीददारों की समस्या को हल करने का वादा किया था। केवल कंपनी पर आईडीबीआई बैंक का ही 4,000 करोड़ रुपये का क़र्ज़ बाकी है। दिवालिया घोषित करने वाली सूची मे इन्फ्राटेक के अलावा भी मोन्नेट इस्पात, ज्योति स्ट्रक्चरर्स, इलेक्ट्रोस्टील स्टील्स, एमटेक ऑटो, एस्सार स्टील, भूषण स्टील, भूषण पावर और स्टील, लैन्को इन्फ्राटेक, एबीजी शिपयार्ड, आलोक इंडस्ट्रीज और ईरा इन्फ्रा ऐंड इंजिनियरिंग जैसी कंपनियो के नाम शामिल है।
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