नई दिल्ली। डिजिटल इंडिया की ओर एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ऑनलाइन याचिका दायर करने जैसी सुविधा उपलब्ध कराने का फैसला लिया है। उन्होंने देश के प्रधान न्यायाधीश की मौजूदगी में एकीकृत मुकदमा प्रबंधन प्रणाली की शुरुआत की। इससे वादियों को ऑनलाइन याचिका दायर करने औऱ उन्हें इससे जुड़ी जरूरी सूचनाओं के साथ आकड़ों का सही हिसाब-किताब उपलब्ध करने जैसे कार्य आसानी से हो सकेंगे|साथ ही साथ कागज़ रहित प्रक्रियाओं की शुरुआत होने की दिशा में भी यह एक बड़ा कदम होगा|
प्रधान न्यायधीश जगदीश सिंह खेहर ने इस मौके पर कहा कि हम सभी 24 उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों के सामने इस प्रणाली का प्रस्ताव रखेंगे। इससे बेहतर परिणाम मिलने की उम्मीद है। धांधली, हेर-फेर जैसे कामों पर रोक लगेगी और कार्य में पारदर्शिता आएगी। साथ ही याचिकाकर्ता को अपने मुकदमे की जरूरी जानकारियों की समय-समय पर हो रही प्रगति के बारे में भी पता चल सकेगा।
साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार अपने विभिन्न विभागों को मामलों में पक्षकार बनाने की प्रक्रिया से अवगत कराएं। साथ ही वे उसके अनुसार तैयारियां करें|मुकदमों और उनकी प्रक्रियाओं के शुल्क की गणना कर ऑनलाइन डाला जा सकेगा जिससे वादी को आने वाली लागत का भी पता चलता रहेगा। मु्ख्य न्यायाधीश ने कहा की इससे कार्यभार भी काफी हद तक कम होगा और वकीलों को आधुनिक सुविधाओं का बेहतर उपयोग करना भी आ जाएगा।
उन्होंने बताया की ई-फाइलिंग एक बेहद अच्छा विकल्प बनकर सामने आएगा जिससे वकील अपनी याचिकाओं को ऑनलाइन ही दायर कर सकेंगे उन्हें रजिस्ट्री के पास जाने की ज़रुरत नहीं होगी।
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