असम के शिवसागर जिले के एक छोटे से गांव का लड़का आज हजारों लोगों के लिए एक प्रेरणा बन गया है। कभी हिरण्यमोय गोगोई ने जीविका के लिए 10 रुपए से अपना बिजनेस शुरू किया था। लेकिन आज उसकी सफलता की चर्चा चारों ओर है।
गोगोई जब 15 साल के थे तब उनके भाई की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई। इससे पहले कई साल से बीमार उनकी मां का 2012 में ही निधन हो गया था। इन सभी घटनाओं के बाद गोगोई दुनिया में खुद को अकेला महसूस करने लगे।
एक दिन उनके मन मे ‘गांव का खाना’ नाम की वेबसाइट बनाने का आइडिया आया। आज यही उनका फैसला 1 साल की उम्र में ही हिरण्यमोय एक सफल कारोबारी के रूप में Sसामने आया है. 2016 में गोगोई ने 10 रुपए से अपना बिजनेस शुरू किया था। उसके पास शुरू में एक गैस सिलिंडर और एक स्टोव ही था। धीरे धीरे धंधे मे जब फायदा होने लगा तो उसे अपने बिजने को ऑनलाइन करने का आइडिया आया।
गोगोई को सरकार द्वारा इन्टरप्रिन्योर अवार्ड 2017 से भी नवाजा गया है जो कि छोटे छोटे और उभरते हुए बिजनेस के लिए दिया जाता है। गोगोई के ‘गांव का खाना’ से किसानों को भी जोड़ा गया है। इसकी मदद से किसान अपनी केमिकल रिहत सब्जियां सीधे ग्राहकों को बेच सकते हैं।
गोगाई ने मीडिया को बताया कि वह अपनी मां की याद में कुछ ऐसा करना चाहता है कि जिन पिरस्थितियों में उनकी मां का निधन हुआ वैसे किसी और महिला को न देखना पड़े। ‘गांव का खाना’ आइडिया का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं और किसानों को रोजगार देना भी है।
सूत्रों के मुताबिक न्यूगटेक नाम की मल्टी सर्विस प्रोवाइडर कंपनी ने हिरण्यमोय गोगोई को अपनी कंपनी का सीईओ नियुक्त किया है। जो कि गोगाई सबसे कम उम्र के सीईओ बनने वालों में शामिल हो गए हैं।
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