नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को दिल्ली हाई कोर्ट ने राहत नहीं दी है। यंग इंडिया लि. मामले में हाई कोर्ट से आयकर डिपार्टमेंट की कार्यवाही पर रोक लगाने औऱ नोटिस को रद्द करने की मांग की गई थी जिस पर हाई कोर्ट ने इनकार कर दिया।

Sonia And Rahul, National Herald case
मामला कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड से जुड़ा है। इस अखबार की स्थापना जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में की थी। एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड (एजेएल) नेशनल हेराल्ड के अलावा हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज का प्रकाशन करता था। 19956 में एजेएल का स्वरूप अव्यावसायिक कंपनी के तौर पर किया गया था। उल्लेखनीय है कि साल 2008 में इस कंपनी ने अपने सभी प्रकाशनों को रोक दिया था। इसके साथ ही यंग इंडियन प्राइवेट लि. नई कंपनी की स्थापना की गई। इस नई कंपनी में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और मोतीलाल वोरा समेत अन्य को निदेशक बनाया गया था। इसमें सोनिया और राहुल के 76 फीसदी और अन्य के 24 फीसदी हिस्सेदारी थी। आरोप यह है कि कांग्रेस पार्टी ने इस नई कंपनी को एक मोटी रकम (90 करोड़ रु.) का लोन दिया और एजेएल का अधिग्रहण कर लिया।
इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने नई कंपनी के निदेशकों पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया था। जिस पर सुनवाई चल रही है। इस मामले में आयकर विभाग ने नई कंपनी के निदेशकों को नोटिस जारी किया था जिस पर रोक लगाने की मांग की गई थी लेकिन हाईकोर्ट ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी को राहत देने से इनकार कर दिया।
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