लखनऊ। यूपी के सहारनपुर में एक महीने में तीसरी बार हिंसा भड़कने का मामला सामने आया है. ताजा मामला सहारनपुर के शब्बीरपुर में महाराणा प्रताप जयंती पर जुलूस पर पथराव किया गया। इसी क्रम में शब्बीरपुर हिंसा को लेकर धरना दे रहे भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं और पुलिसवालों के बीच हिंसक झड़प हुई। झड़प के दौरान कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर पथराव भी किया। इतना ही नहीं, गाड़ियों में आगजनी और तोड़फोड़ के साथ राहगीरों के साथ मारपीट की भी की।
यहाँ तक कि रामनगर पुलिस चौकी तक में आग लगा दी गई। इससे वहां खड़ी बाइक और रखे दस्तावेज जलकर नष्ट हो गए। पुलिसकर्मी एक किलोमीटर दूर खड़ी रही। उपद्रवियों ने करीब एक घंटा मल्हीपुर रोड पर बवाल किया। इस दौरान वाहनों की आवाजाही बंद रही। दुकानदार दुकानें बंदकर भाग निकले। उपद्रवियों ने कॉलोनियों तक में घुसकर तोड़फोड़ करने का प्रयास किया। पुलिस के पास आंसू गैस के गोले तक नहीं थे।
इस हिंसक झड़प में पुलिसकर्मियों को चोट आई, जिसके बाद पुलिसकर्मी भाग खड़े हुए. इस घटना के बाद सहारनपुर के एसपी सिटी और एसपी रूरल को हटा दिया गया. पुलिस के प्लान को फेल करते हुए उपद्रवी एक के बाद एक जगह बदलकर बवाल करते रहे। इससे पहले सड़क दूधली और शब्बीरपुर में हुए कांड के बाद भी उपद्रव जैसे हालात से निपटने में पुलिस और अफसरों की टीमें खास तैयारी में नहीं दिखी. हालात को देखते हुए PAC की 4 और बटालियन को बुला लिया गया है. मामले में अब तक 22 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
इस विवाद का कारण महाराणा प्रताप जयंती की शोभा यात्रा को लेकर दलितों में नाराज़गी को बताया जा रहा है , उनकी शिकायत थी कि अप्रैल में उन्हें अंबेडकर जयंती पर ऐसी ही शोभा यात्रा निकालने की इजाज़त नहीं मिली थी . बीते हफ्ते शोभा यात्रा में लाउड स्पीकर के इस्तेमाल को लेकर दलितों और अगड़े ठाकुरों में हुई झड़प के बाद राज्य के पुलिस प्रमुख ने यहां का दौरा किया था और लोगों से अपील कि थी कि वह कानून अपने हाथ में न लें .
जानकारी के लिए आपको बता दे कि सहारनपुर में एक ही महीने में तीसरी बार हिंसक झड़प हुई है . कुछ दिन पहले दलितों और अगड़ों के टकराव में पुलिस के मूकदर्शक बने रहने से नाराज़गी रही और महाराणा प्रताप जयंती के जुलूस पर उसका विवाद उबाल मारकर सामने आया .
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