नागपुर। आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने नागपुर में दशहरा रैली में रोहिंग्या मुस्लिमों का जिक्र करते हुए उन्हें देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया। साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज की तारीफ भी की। उन्होंने कश्मीर, समान नागरिक सहिता औऱ डोकलाम में भारत की रणनीति को सराहा।

सरसंघ चालक मोहन भागवत ने अपने संबोधन में कहा कि कश्मीर घाटी की परिस्थिति को लेकर जिस दृढ़ता के साथ सीमा के उस पार से होनेवाली आतंकियों की घुसपैठ व बिनाकारण गोलीबारी का सामना किया जा रहा है, उसका स्वागत हो रहा है। सेना सहित सभी सुरक्षाबलों को अपने कर्तव्य को करने की छूट दी गई। अलगाववादी तत्वों की उकसाऊ कारवाई व प्रचारप्रसार को, उनके अवैध आर्थिक स्रोतों को बंद करके तथा राष्ट्रविरोधी आतंकी शक्तियों से उनके संबंधों को उजागर कर तथा रोककर नियंत्रित किया जा रहा है। उसके सुपरिणाम भी वहाँ की परिस्थिति में प्राप्त हो रहे दिखते हैं। परंतु लद्दाख, जम्मू सहित संपूर्ण जम्मूकश्मीर राज्य में भेदभावरहित, पारदर्शी, स्वच्छ प्रशासन के द्वारा राज्य की जनता तक विकास के लाभ पहुँचाने का कार्य त्वरित व अधिक गति से हो; इसकी अभी भी आवश्यकता है।
यह विचार करना अत्यावश्यक हो गया है कि भाषा, प्रान्त, पंथसंप्रदाय, समूहों की स्थानीय तथा समूहगत महत्वाकांक्षाओं को उभारकर समाज में आपस में असंतोष, अलगाव, हिंसा, शत्रुता या द्वेष तथा संविधान कानून के प्रति अनादर का वातावरण बढाते हुए अराजकसदृश्य स्थिति उत्पन्न करने का खेल राष्ट्रविरोधी शक्तियाँ अन्य सीमावर्ती राज्यों में भी खेलती हुई दिखाई देती हैं। बंगाल व केरल की परिस्थितियाँ किसी से छिपी नहीं हैं। देश में पहले से ही अनधिकृत बंगलादेशी घुसपैठियों की समस्या है उसपर अब म्यांमार से खदेडे गये रोहिंगिया भी घुसे हैं तथा बहुत अधिक संख्या में घुसने को तय्यार हैं। म्यांमार से लगातार चलती आयी उनकी अलगाववादी हिंसक व अपराधी गतिविधि तथा आतंकियों से साठगाठ ही वहाँ से उनके खदेडे जाने का मुख्य कारण है। यहाँ पर वे केवल देश की सुरक्षा व एकात्मता पर संकट ही बनेंगे यह ध्यान में रखकर ही उनका विचार व निर्णय करना चाहिये।







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