उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने प्रशासनिक अधिकारियों से कहा है कि वे लचीलेपन और सामंजस्य के साथ काम करें तथा सरकारी कामकाज के पुराने ढर्रे में सुधार की कोशिश करें। वे आज हैदराबाद में डॉ. मर्री चन्ना रेड्डी मानव संसाधन विकास संस्थान में 93वें बुनियादी पाठ्यक्रम के प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत कर रहे थे।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि, “स्वराज्य” को “सुराज” में बदलने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने कहा कि देश के प्रत्येक नागरिक और प्रत्येक व्यक्ति को जीवन की बेहतरी महसूस होनी चाहिए। श्री नायडू ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों पर देश की उम्मीदें और आकांक्षाएं टिकी हैं। उन्होंने लौह पुरूष सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि अखिल भारतीय प्रशासनिक सेवा का विचार उन्होंने ही दिया था। सरदार पटेल संयुक्त भारत में विश्वास रखते थे, जो एक सक्षम उच्च नागरिक सेवा के बिना पूरा नहीं हो सकता।
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का उल्लेख करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनके जैसे नेता हमारे लिए मूल्यवान धरोहर छोड़ गए हैं। इन नेताओं ने हर नागरिक के लिए वास्तविक स्वतंत्रता का स्वप्न देखा था।
श्री नायडू ने प्रशासनिक अधिकारियों से अपील की कि वे मिलकर काम करें और अपने अनुभवों से एक-दूसरे का सहयोग करें, ताकि भारत का विकास सही दिशा में हो सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे भारत और भारत के बाहर से उत्कृष्ट व्यवहारों की सीख प्राप्त करें। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को ‘सम्वेदना’, ‘कुशलता’, ‘निष्पक्षता’ और ‘सत्यनिष्ठा’ को मार्गदर्शक सिद्धांतों के रूप में अपनाना चाहिए, ताकि वे कारगर और जवाबदेह तरीके से प्रशासनिक काम कर सकें।
इस अवसर पर तेलंगाना के गृह मंत्री श्री नायनी नरसिम्हा रेड्डी, डॉ. मर्री चन्ना रेड्डी मानव संसाधन विकास संस्थान के महानिदेशक श्री वी. पी. आचार्य, शिक्षक और विभिन्न राज्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले 316 से अधिक प्रशिक्षु अधिकारी उपस्थित थे।
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