नई दिल्ली। जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण, सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा शिपिंग मंत्री नितिन गडगरी ने कहा है कि उनका मंत्रालय अगले तीन महीने के अंदर तीन नदियों को आपस में जोड़ने की परियोजना पर काम शुरू करेगा। ये परियोजनाएं हैं- केन-बेतवा संपर्क परियोजना, दमनगंगा- पिंजाल संपर्क परियोजना तथा पार-तापी-नर्मदा संपर्क परियोजना। नितिन गडगरी ने कहा है कि तीनों परियोजनाओं को जरूरी स्वीकृति मिल गई है और वह जल्द ही अंतर-राज्य विवादों को सुलझाने के लिए संबंधित मुख्य मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे ताकि अगले तीन महीने के अंदर इन परियोजनाओं पर कार्य शुरू हो सके।
नितिन गडगरी आज नई दिल्ली में राष्ट्रीय जल विकास एजेंसी सोसाइटी की 31वीं वार्षिक बैठक को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और सत्यपाल सिंह भी उपस्थित थे। वार्षिक बैठक में आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, केरल, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, झारखंड और राजस्थान के जल संसाधन/ सिंचाई मंत्री शामिल हुए। देश के 13 सूखा प्रभावित और 7 बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को लोगों की दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए गडगरी ने उपलब्ध जल को संरक्षित करने और आवश्यकता से अधिक जल को आपस में साझा करने के लिए कारगर उपाय विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि समुद्र में गिरने वाले 60 से 70 प्रतिशत जल को बचाने के तरीके विकसित करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करते समय जल परियोजनाओं की सामाजिक-आर्थिक लागत को ध्यान में रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जल परियोजनाओं के लिए धन-पोषण के तरीके विकसित किए जाने चाहिए और कम ब्याज दरों पर ऋण लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि वह केंद्र सरकार के समक्ष इस विषय को उठाएंगे।
जल संसाधन राज्य मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि देश के विभिन्न भागों में जल संरक्षण और जल प्रबंधन के सफल मॉडलों का प्रलेखन होना चाहिए और इसे मंत्रालय द्वारा वितरित किया जाना चाहिए ताकि प्रत्येक क्षेत्र एक-दूसरे के अनुभवों का लाभ उठा सकें। राज्य के जल संसाधन मंत्रियों ने अपने-अपने राज्यों के विशेष मुद्दों को उठाया।
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