नई दिल्ली. उत्तर प्रदेश के सभी रिकॉर्ड्स में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के नाम के साथ ‘रामजी’ जोड़ा जाएगा। योगी सरकार ने गुरुवार को राज्यपाल राम नाईक की सलाह के बाद डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम बदलकर डॉ. भीमराव रामजी आंबेडकर करने का आदेश जारी किया।
गर्वनर राम नाईक लंबे वक्त से इसके लिए एक कैंपेन चला रहे थे।उनका कहना है कि अंबेडकर महाराष्ट्र से जुड़े थे लेकिन कभी भी उनके नाम के साथ उनके पिता का नाम रामजी नहीं जोड़ा गया था। रामजी के बिना उनका नाम अधूरा लगता है।पिछले साल दिसम्बर में राज्यपाल ने बाबा साहेब का नाम गलत लिखे जाने पर नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि किसी भी व्यक्ति का नाम उसी तरह लिखा जाना चाहिए जिस प्रकार से वह खुद लिखता हो।
वहीं नाम बदले जाने से बीजेपी नेताओं के बीच आपसी मतभेद भी देखने को मिल रहा है। बीजेपी सांसद उदित राज ने कहा कि मुझे ऐसा कोई खास कारण नजर नहीं आ रहा जिसकी वजह से बाबा साहब के नाम में बदलाव किया गया। उन्होंने कहा कि यह एक व्यक्ति की निजी स्वतंत्रता है कि वह कैसे खुद को परिचित करवाना चाहता है। इस मामले में विवाद पैदा करना गैरजरूरी है। इस मामले में दलित समुदाय ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है।
इससे पहले भी आगरा स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के नाम में अंबेडकर की जगह आंबेडकर लिखने के निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
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