सोनी सब के ‘तेनाली राम’ में जल्द ही बहुत ज्यादा ड्रामा देखने को मिलेगा। तेनाली राम की बुद्धिमानी को चिन्नादेवी द्वारा चुनौती दी जाती है। लेकिन इन सभी ड्रामे के बीच राम लापता हो जायेंगे।
राज्य में एक हजाम है और ऐसा माना जाता है कि उसके सपने पूरे हो जाते हैं। वह राजा के दरबार में पहुंचता है और दावा करता है कि कृष्णदेव राय के स्वर्गीय पिता उसके सपनों में आये थे। उसने कहा कि कृष्णदेव राय के पिता चाहते हैं कि कोई भरोसेमंद आदमी स्वर्ग में आये और उनके साथ बातचीत करे। इस अवसर का लाभ उठाते हुये तथाचार्य एक पुजारी को बुलवाते हैं, ताकि वह उस हजाम की बात का समर्थन कर सके। राजा कृष्णदेवराय (मानव गोहिल) राम (कृष्ण भारद्वाज) को स्वर्ग भेजने का फैसला करते हैं। राम डर जाता है और समझ जाता है कि यह उसे बाहर निकालने की तथाचार्य (पंकज बेरी) की दुष्ट योजना है। राम इसके लिये अपनी सहमति जता देता है और निश्चित दिन वह एक लकड़ी के पाये के नीचे बैठ जाता है और अचानक लापता हो जाता है। राम के अचानक गायब होने से तथाचार्य हैरान हो जाते हैं और उसके लापता होने के पीछे का असली सच जानने की कोशिश करते हैं।
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