नई दिल्ली. दलितों पर अत्याचार के खिलाफ राहुल गांधी के उपवास को लेकर राजनीति शुरु हो गई है। एक तरफ राहुल गांधी राजघाट में उपवास पर बैठे तो दूसरी तरफ बीजेपी ने उनके इस उपवास को बस एक नाटक का नाम दिया है।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि राहुल गांधी फास्ट (उपवास) नहीं कर रहे बल्कि समाज को बांटकर फास्ट ट्रैक राजनीति करना चाहते हैं। कांग्रेस को दलित विरोधी करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘दलितों के नाम पर उपवास का नाटक करने वाली कांग्रेस ने अपने शासनकाल में बाबासाहेब आंबेडकर को भारत रत्न नहीं दिया। 1989 में बीजेपी सरकार के समर्थन वाली सरकार ने भी अनशन रखा था लेकिन वह देश के हित में था।
जगदीश टाइटलर और सज्जन कुमार को मंच से वापस भेजा
1984 सिख दंगों के आरोपी सज्जन कुमार और जगदीश टाइटलर भी राजघाट पहुंचे थे। उन्हें देखते ही राजनीति शुरु हो गई। सिख दंगों के आरोपी नेताओं के पहुंचने से पार्टी असहज हो गई और प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन से मुलाकात के बाद दोनों नेता वापस लौट गए।
उपवास स्थल से वापस लौटाए जाने को लेकर पूछे गए सवाल पर टाइटलर ने सफाई देते हुए कहा, ‘मेरे ऊपर कोई एफआईआर नहीं है, कोई केस नहीं चल रहा है। उन्होंने कहा मुझसे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने भी कुछ नहीं कहा। यह पूरा विवाद आप लोग ही पैदा कर रहे हैं।’
Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.