न्यायपालिका ने आज राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी को अदालत से मिला झटका.
मोदी सरनेम के केस में आपराधिक मानहानि के दोषी करार दिए गए राहुल गांधी ने राहत की मांग की थी और इसी के चलते कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. साल 2019 के केस में 2 साल की सजा मिलने के बाद राहुल गांधी को संसद सदस्यता भी छोड़नी पड़ी. राहुल गांधी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत केस दर्ज किया गया था. कांग्रेस का चेहरा राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी के विधायक पूर्णेश मोदी ने केस दायर किया था.
राहुल ने याचिका में राहत की रखी मांग ?
राहुल गांधी ने अपनी याचिका में निचली अदालत द्वारा सुनाई गई 2 साल की सजा पर रोक लगाने की मांग की थी. 2 साल पहले की गई भूल पर 2023 में सज़ा को लेकर कांग्रेस के कई बड़े चेहरों ने बवाल किया. साथ ही सदस्यता को लेकर भी तमाम तरह की शिकायत ज़ाहिर की.
राहुल की मांग पर न्यायपालिका का जवाब?
गुरूवार की सुबह न्यायपालिका ने राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी है और साथ ही सेशन कोर्ट ने अपने 7 पेज के ऑर्डर में राहुल गांधी के पद और कद का जिक्र करते हुए नसीहत दी कि उन्हें शब्द का चयन संभाल कर करना चाहिए. जज आरपी मोगरे ने कोर्ट में कहा कि इस तथ्य में कोई विवाद नहीं कि याचिकाकर्ता संसद के सदस्य थे और दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष थे और ऐसे कदमों को देखते हुए उन्हें अपने शब्दों को लेकर अधिक स्तर्क होना चाहिए. जिसका लोगों के दिमाग पर असर ना पड़े.
जज साहब ने राहुल गांधी से की अपील
‘मुंह से निकलने वाले आपत्तिजनक शब्द पीड़ित व्यक्ति को मानसिक पीड़ा देने के लिए पर्याप्त है’ एसपी ने फैसले की कॉपी देखी है. जिसमें लिखा है मोदी सरनेम वाले लोगों की तुलना चोरों से करने से निश्चित तौर पर शिकायतकर्ता की प्रतिष्ठा को चोट पहुंची है. मानसिक पीड़ा हुई; जो सार्वजनिक रूप से सक्रिय है.
Chhaya Giri (BJMC II)
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