सोनी सब के ‘चिडिय़ाघर’ की कहानी अब 8 साल आगे बढ़ चुकी है। अपने अनूठे कलाकारों की बढ़ती लोकप्रियता के साथ इस शो में अब एक नये किरदार ‘चमगादड़‘ की पेशकश की जा रही है। अभिनेता प्रसाद बर्वे चमगादड़ की भूमिका निभायेंगे। प्रसाद बर्वे से हुई बातचीत में उन्होंने अपने नये शो के बारे में बताया।
चमगादड़ के रूप में अपने किरदार के बारे में हमें बतायें?
चमगादड़ बहुत मजाकिया किरदार है। वह गधा प्रसाद का दूर का भतीजा है। वह इतना मासूम है कि उसके द्वारा दिये गये सभी आदेश को मानता है, लेकिन उन्हें बिल्कुल विपरीत तरीके से समझता है। यही बात उसके किरदार को मजेदार बनाती है। उसका नाम उससे बिल्कुल मेल खाता है और वह उसी के अनुसार सब करता है। इसलिये वह उन बातों को नहीं समझता, जो हमारे लिये सामान्य हैं। इसका मतलब है कि यदि आप उसे एक गिलास ठंडा पानी लाने के लिये कहेंगे, तो वह एक गिलास गर्म पानी लेकर आयेगा। दरअसल उसकी जिंदगी मैमल बैट की तरह ही पूरी उलटी है। यह उसे सच में हास्यप्रद बनाता हैं।
इस भूमिका के लिये तैयारी करते समय आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
चिडिय़ाघर एक सुस्थापित शो है। इसमें नामचीन कलाकर प्रमुख किरदारों को निभा रहे हैं, जिनके साथ दर्शक अपना जुड़ाव महसूस करते हैं। इन नामचीन कलाकारों के साथ काम करना ही मेरे लिए सबसे बड़ी चुनौती है। जहां तक ‘चमगादड़‘ किरदार का सवाल है तो यह किरदार उल्टा चलता है और यही सबसे बड़ी चुनौती है। मैंने इस चुनौती को स्वीकार कर लिया है और अब इस किरदार को निभाने में मज़ा आ रहा है।
आप हमेशा कॉमेडी ही क्यों पसंद करे है?
ऐसा नहीं है कि मैंने दूसरी शैलियों को नहीं आजमाया है। मैंने ड्रामा और डेली सोप किये हैं, लेकिन मैं अच्छी भूमिकाओं की तलाश में रहता हूं। मैं एक्सपेरिमेंटल थिएटर भी कर रहा हूं, जिसमें कॉमेडी नहीं है। लेकिन लोगों को मेरी कॉमेडी टाइमिंग पसंद है और मुझे लगता है कि यदि मेरी किस्मत है।
चिडिय़ाघर के सेट पर काम करने का अनुभव कैसा है?
ऐसा लगता है कि जैसे आप किसी फिल्म की शूटिंग कर रहे हैं। हमारे निर्माता और शो के लेखक अश्विनी धीर ने हमारे कुछ पहले एपिसोड्स का निर्देशन भी किया है। इस शो के कलाकार और पूरी टीम काफी मेहनत करती है। कलाकारों के बीच कॉमिकल टाइमिंग वाकई में स्वभाविक है।
यदि आपको मौका मिले, तो आप चिडिय़ाघर का कौन सा किरदार निभाना पसंद करेंगे?
सभी किरदार दिलचस्प है और मेरे पसंदीदा हैं। लेकिन मुझे हमेशा से ही गोमुख का किरदार पसंद रहा है। वह वाक्यों में पंक्चुएशन का इस्तेमाल करते हैं। इसलिये मुझे लगता है कि यदि मौका मिले, तो मैं गोमुख की भूमिका निभा चाहूंगा।
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