नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत ने प्रस्तुतिकरण देते हुए बताया कि सड़क निर्माण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान औसतन प्रतिदिन 26.93 किलोमीटर सड़क का निर्माण हुआ, जबकि इसकी तुलना में वित्त वर्ष 2013-14 में रोजाना 11.67 किलोमीटर सड़क का निर्माण होता था।
प्रधानमंत्री को परिवहन क्षेत्र में डिजिटलीकरण को लेकर हुई प्रगति के बारे में जानकारी दी है। अब तक 24 लाख रेडियो फ्रीकवेंसी आईडेंटीफिकेशन डिवाइसिस (आरएफआईडी) टैग जारी किये गये हैं और इलेक्ट्रोनिक टोल कलेक्शन से 22 फीसदी से ज्यादा टोल राजस्व हासिल हुआ है। ‘सुखद यात्रा’ ऐप जिससे सड़क की स्थिति के बारे जानकारी मिली है, इससे शिकायत दर्ज कराने की सहूलियत भी हासिल है। इस ऐप को अब तक एक लाख से ज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं। प्रधानमंत्री ने इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन के क्षेत्र में तेजी से काम करने का सुझाव दिया है। पीएमजीएसवाई के तहत ग्रामीण सड़कों से अब 88 फीसदी रिहायशी इलाके जुड़ चुके है। 2014 से 2018 के दौरान 44 हजार गांव इन सड़कों से जुड़े हैं, जबकि इस समान अवधि के पिछले चार सालों में 35 हजार गांव ही इन सड़कों के माध्यम से जुड़ पाये थे। ‘मेरी सड़क’ ऐप 10 क्षेत्रीय भाषाओं में लांच किया गया है और अब तक 9.76 लाख लोगों ने इसे डाउनलोड किया है। सड़क की जीआईएस मैपिंग का काम चल रहा है और अब तक 20 राज्यों ने भू-स्थानिक ग्रामीण सड़क सूचना प्रणाली (जीआरआरआईएस) को अपनाया है। हरित प्रौद्योगिकी और गैर-पारम्परिक सामग्री मसलन खराब प्लास्टिक जैसे कूड़ा-करकट का इस्तेमाल ग्रामीण सड़कों को बनाने में किया जा रहा है।
इसी तरह रेल क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। इसकी क्षमता में और रोलिंग स्टॉक में अतिरिक्त बढ़ोतरी हुई है। नई रेल पटरियां बिछायी गई हैं और कई रेलमार्गों का दोहरीकरण किया गया है। यह प्रगति 2014 से 2018 के बीच में हुई है। यानी 9,528 किलोमीटर रेल पटरियों का निर्माण हुआ है, जोकि इसकी समान अवधि के पिछले चार सालों की तुलना में 56 फीसदी ज्यादा है। इसी प्रकार, विमानन क्षेत्र में हवाई जहाज से यात्रा करने वालों की संख्या में पिछले चार सालों 2014 से 2018 के बीच में 62 फीसदी का इजाफा हुआ है, जोकि इसकी समान अवधि के पिछले चार सालों में यह 18 फीसदी रहा था। उड़ान योजना के तहत टू और थ्री टियर के शहरों में 27 नये हवाई अड्डें खुले हैं और संचालित हो रहे हैं। बन्दरगाह क्षेत्र में 2014 से 2018 के दौरान यातायात में 17 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
ग्रामीण आवास क्षेत्र को लेकर प्रधानमंत्री को बताया गया कि 2014 से 2018 के दौरान एक करोड़ से ज्यादा आवासों का निर्माण हुआ है, जोकि इसकी समान अवधि के पिछले चार सालों में करीब 25 लाख ही घर निर्मित किये जा सके थे। आवास निर्माण और इससे संबंधित क्षेत्र में तेजी आने की वजह से रोजगार बढ़े है। एक स्वतंत्र अध्ययन के मुताबिक निर्माण में लगने वाले समय में तेजी से कमी आई है। 2015-16 के दौरान आवास निर्माण में 314 दिन लगते थे, जबकि यही काम 2017-18 में 114 दिनों में पूरे कर लिये गये। ऐसे किफायती घरों के निर्माण पर जोर दिया जा रहा है, जो आपदा से निपटने में कारगर है। इसके लिए इनके डिजाइन पर खास ध्यान दिया जा रहा है। शहरी आवास क्षेत्र को लेकर नये निर्माण तकनीकी को अपनाने पर सरकार का जोर है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के शुरू होने से लेकर अब तक इस योजना के तहत 54 लाख आवासों को मंजूरी दी गई है।
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