कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर अपनी तीखी तरार बातों से एक बार फिर निशाना साधा है.
सोनिया गाँधी ने मोदी सरकार पर केंद्र एजेंसियो का दुरूपयोग करने, संसद में विपक्ष की आवाज दबाने , मीडिया पर दबाव बनाने, न्यायपालिका की मज़बूती को कमज़ोर करने का प्रयास करने का आरोप लगाया है. ऐसी के साथ साथ सोनिया गाँधी ने महंगाई, बेरोजगारी और किसानो के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को लपेटा है.
देश की समस्याओ का हल नहीं होगा. सोनिया ने कहा भारत के लोगो ने यह सिख लिया है की जब आज की स्थिति को समझने की बात आती है. प्रधानमंत्री और उनकी सरकार लोकतंत्र के तीनो स्तंभों विधायिका, न्यायपालिका, कार्यपालिका को व्यवस्थित रूप से ध्वस्त कर रही है. उनके कामों से लोकतंत्र और लोकतांत्रिक जवाब देहीके लिए तिरस्कार का प्रदर्शन होता है.
किन अहम मुद्दों पर सोनिया गाँधी ने बीजेपी सरकार को घेरा ?
संसद में विपक्ष की आवाज़ को दबाया जाना – सोनिया गाँधी ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा सरकार ने विपक्ष के विरोध का सामना करने के लिए कई उपायों का सहारा लिया. इनमें भाषणों को हटाना, चर्चा को रोकना, संसद सदस्यों पर हमला करना और आखिर में कांग्रेस के एक संसद को तेज गति से अयोग्य घोषित करार दे दिया गय. इसका नतीजा हुआ कि लोगों के 45 लाख करोड़ का बजट बिना किसी बहस के पास कर दिया गया. यहां तक कि जब लोकसभा में में वित्त विधेयक पारित किया गया. तब पीएम अपने व्यापक मीडिया कवरेज वाले निर्वाचन क्षेत्र में परियोजनाओं के उद्घाटन में व्यस्त थे.
जांच एजेंसियो का दूरउपयोग, सोनिया गाँधी ने लगाया आरोप – कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगते हुए कहा मोदी सरकार द्वारा सीबीआई और ईडी का दुरुपयोग जाहिर है. 95% राजनीतिक मामले सिर्फ विपक्षी नेताओं के खिलाफ दायर किए गए. वहीं वो लोग जो बीजेपी में शामिल हो गए, उनके खिलाफ केस चमत्कारिक रूप से गायब हो गए. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बने कानूनों का दुरुपयोग किया जा रहा है. पत्रकारों, कार्यकर्ताओं और थिंक टैंक के खिलाफ मामले अप्रत्याशित हैं.
बीजेपी का मीडिया पर दबाव
सोनिया गाँधी ने बताया लंबे समय से चली आ रही मीडिया की स्वतंत्रता से समझौता किया गया. सरकार ने वित्तीय शक्ति और बीजेपी के दोस्तों के साथ मिलकर राजनीतिक धमकी के जरिए ऐसा किय।चैनलों पर शाम को चलने वाले डिबेट्स स्लैंगिंग मैच की तरह हो गए हैं. जहां सरकार पर सवाल उठाने वालों को शांत कर दिया जाता है. सरकार इससे भी संतुष्ट नहीं हुई. तो सूचना प्रौद्योगिकी नियमों में संशोधन करके कानूनी तौर पर खुद को और सशस्त्र कर लिया गय. अब किसी भी ऐसी खबर को जो पसंद न हो उसे ‘फेक न्यूज’ का टैग देकर हटाया जा सकता है.
बेरोजगारी, महंगाई, किसान तिण्णो को लेकर केंदर सरकार पर सोनिया गाँधी पर वार – चुप्पी साधने से भारत की समस्या का समाधान नहीं हो सकता, सोनिया ने कहा प्रधानमंत्री लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित करने वाले सरकार के कार्यों पर उठ-उठ रहे जायज सवाल पर चुप हैं. वित्य मंत्री ने अपने बजट भाषण में बेरोजगारी या महंगाई का जिक्र नहीं किया, मानों ऐसा जैसे कि ये समस्याएं हैं ही नहीं. उनकी चुप्पी दूध, सब्जियां, अंडे, रसोई गैस, बेरोजगारी का सामना कर रहे करोड़ों लोगों के संघर्ष में मदद नहीं कर सकती. किसानों की 2022 तक आय दोगुनी करने के अपने वादे पर विफल रहने के बाद प्रधानमंत्री ने आसानी से चुप्पी साध ली है. जबकि उनकी अन्य समस्याएं जैसे बढ़ती लागत अभी भी ज्यों के त्यों है.
सोनिया की इन बातो का क्या होगा राजनितिक प्रभाव ?
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने अडानी से लेकर महंगाई,बेरोजगारी, लोकतंत्र, मीडिया समेत सभी मुद्दों पर बीजेपी को घेरा है. इसी के साथ सोनिया गाँधी ने राहुल गाँधी का नाम लिए बिना ही उनकी सदस्यता रद्द करे जाने का भी जिक्र किया है. लोकसभा 2024 के चुनाव अब ज्यादा दूर नहीं है, सोनिया की इन बातो को आने वाले चुनाव के लिए कांग्रेस की राजनीति समझा जा सकता है.
Anishka Maheshwari (BJMC II)
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