दो घंटे के संवाद में पिछले चार वर्षों में केन्द्र सरकार द्वारा किए गए नीतिगत सुधारों और कार्यक्रमों पर व्यापक चर्चा हुई। इस संवाद सत्र में आर्थिक वृद्धि और विकास में उद्योग के योगदान पर भी विचार-विमर्श किया गया।
उद्योगजगत के अनेक प्रतिनिधियों ने देश में कारोबारी माहौल में सुधार की सराहना की और कहा कि इससे भारत की विकास क्षमता को महसूस किया जाएगा। उद्योग प्रतिनिधियों ने प्रधानमंत्री के नये भारत के विजन के प्रति समर्थन व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री ने हाल में स्टार्टअप और उद्यमियों के साथ हुए विचार-विमर्श की चर्चा की। उन्होंने कहा कि अब देश में एक सकारात्मक सोच बनी है और यह भावना पैदा हुई है कि कुछ कर सकते हैं। उन्होंने कॉरपोरेट क्षेत्र से बड़े पैमाने पर निवेश करने, विशेषकर कृषि क्षेत्र में निवेश करने, का आग्रह किया।
इससे पहले वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने भारत की अर्थव्यवस्था को तेज गति देने तथा उच्च स्तर पर पहुंचाने के लिए पिछले चार वर्षों में केन्द्र सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रमों पर प्रकाश डाला। उन्होंने नीतिगत पहलों, विकास के समग्र दृष्टिकोण, नवाचार भावना तथा प्रौद्योगिकी के बारे में राय व्यक्त की।
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