लखनऊ .प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने उत्तर प्रदेश में लगभग 60,000 करोड़ रुपये की कुल लागत के साथ 81 परियोजनाओं को शुरु किए जाने से संबंधित समारोहों में भाग लिया। ये परियोजनाएं राज्य में निवेश को आकर्षित करने एवं औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए फरवरी, 2018 में आयोजित उत्तर प्रदेश निवेशक सम्मेलन के कुछ ही महीनों के भीतर अस्तित्व में आ गई हैं।
प्रधानमंत्री ने देश के कुछ भागों में हो रही भारी वर्षा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार स्थिति की निगरानी कर रही है और सभी प्रभावित लोगों को सहायता प्रदान करने के लिए राज्य सरकारों के साथ काम कर रही है। उन्होंने कहा कि एक देखभाल करने वाली सरकार के रूप में हमारा उद्वेश्य लोगों के जीवन से कठिनाईयों को दूर करना एवं जीवन की सुगमता में सुधार लाना है। उन्होंने कहा कि आज का कार्यक्रम उत्तर प्रदेश राज्य को रूपांतरित करने के प्रयासों का एक हिस्सा है। उन्होंने कहा कि जिस गति से ये परियोजनाएं पांच महीनों के भीतर आगे बढ़ी (प्रस्ताव से लेकर निर्माण कार्य आरंभ होने तक) हैं, वह असाधारण है। उन्होंने राज्य सरकार को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं राज्य के विशिष्ट भागों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये संतुलित विकास में सक्षम बनाएंगी।
उन्होंने राज्य सरकार की कार्य संस्कृति की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य में निवेश के बदले माहौल से रोजगार, व्यापार, अच्छी सड़कों, पर्याप्त बिजली आपूर्ति और एक बेहतर भविष्य के लिए अवसर खुल रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं कई नए रोजगार अवसर उपलब्ध कराएंगे और समाज के विभिन्न वर्गों को लाभान्वित करेंगे। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे प्रमुख कार्यक्रमों को इन परियोजनाओं से बहुत बढ़ावा मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज पूरे ग्रामीण क्षेत्रों में तीन लाख कॉमन सर्विस सेंटर फैले हुए है जो प्रभावी एवं पारदर्शी सेवा प्रदायगी को सक्षम बनाने के जरिये ग्रामीण जीवन में बदलाव ला रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सिलो को समाप्त कर रही है एवं सॉल्यूशंस तथा सिंक्रोनाइजेशन पर ध्यान केंद्रित कर रही है। उन्होंने कहा कि भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता देश बन गया है और उत्तर प्रदेश इस विनिर्माण क्रांति का नेतृत्व कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के पूरे हो जाने के बाद भारत में व्यवसाय करना और भी आसान हो जाएगा तथा लॉजिस्टिक्स पर आने वाली लागत में कमी आ जाएगी। उन्होंने उद्यमियों एवं व्यापारियों से डिजिटल लेनदेन की दिशा में आगे बढ़ने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने देश में बिजली आपूर्ति में सुधार लाने के लिए उठाए गए कदमों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि देश पारंपरिक ऊर्जा से हरित ऊर्जा की तरफ आगे बढ़ रहा है और उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा का एक हब बन जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत का ऊर्जा घाटा 2013-14 के 4.2 प्रतिशत से घट कर आज एक प्रतिशत से भी कम रह गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि नया भारत का रोडमैप जन भागीदारी के जरिये अपने लोगों की आकांक्षाओं की पूर्ति करना है।
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