‘सजन रे फिर झूठ मत बोलो’ से बेहतरीन अभिनेत्री पार्वती वेज़ टेलीविजन पर वापसी करेंगी। पार्वती, जया लोखंडे का मुख्य किरदार निभा रही हैं। उनसे हुई बातचीत में उन्होंने इस इंडस्ट्री में अपनी वापसी और इस शो में अपनी भूमिका के बारे में बताया।
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-टेलीविजन पर वापसी को लेकर आपको कैसा महसूस हो रहा है?
वाकई, मुझे अभी बहुत अच्छा महसूस हो रहा है, अपने पिछले शो के बाद मुझे ब्रेक की जरूरत थी, इसलिये मैं टेलीविजन सीरीज पर ध्यान नहीं दे पा रही थी। ‘सजन रे फिर झूठ मत बोलो’ सचमुच बहुत अलग तरह का है और यह कुछ ऐसा है, जो इससे पहले मैंने कभी नहीं किया था, इसलिये मुझे बहुत अधिक पॉजिटिव महसूस हो रहा है। मैं उत्साहित होने के साथ-साथ काफी नर्वस हूं क्योंकि मैं लंबे समय के बाद वापसी कर रही हूं।
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-अपने किरदार जया के बारे बतायें?
वैसे मेरा किरदार बहुत ही समझदार है और मैं एक बहुत ही प्यारी महाराष्ट्रीयन लडक़ी की भूमिका निभा रही हूं, जिसे पता है कि उसे जीवन में क्या चाहिए। जया अच्छे संस्कारों वाली एक आधुनिक लडक़ी है। वह एक लडक़े जय से मिलती है, अपने प्रेमी में जो कुछ चाहिए, सबकुछ उसमें है। उसमें थोड़ी गड़बड़ है, जोकि दर्शकों को कहानी आगे बढऩे के साथ पता चल जायेगी और यही कहानी का सार है।
-कॉमेडी के साथ वापसी करने में आपको कैसा महसूस हो रहा है?
मुझे यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण लगा और मुझे अलग तरह की चीजें करना पसंद है। मैंने साउथ में काम किया है, जहां मुझे पूरी तरह से अलग भाषा बोलनी होती थी, जो मुझे समझ नहीं आती थी, लेकिन अब मैं अलग-अलग तरह से छोटी-छोटी बातें कर सकती हूं। यहां तक कि कॉमेडी के साथ मुझे लगा था कि यह अलग तरह की चीज है, जो इससे पहले मैंने कभी नहीं की, लेकिन यह मुझे मुश्किल नहीं लगा। बेशक, यह मुश्किल है लेकिन मैं इसको लेकर थोड़ी उत्साहित हूं।
-आपके साथी कलाकारों में कई सारे सीनियर कलाकार हैं। उनके साथ काम करने के लिये उत्साहित हैं या फिर नर्वस हैं?
-खुशकिस्मती से सारे कलाकारों का रवैया बड़ा दोस्ताना है, इसलिये उनकी वजह से नर्वस महसूस नहीं करती हूं। इतने स्थापित कलाकारों के साथ काम करके मैं सचमुच काफी उत्साहित और खुश हूं और इसका मुझे बेसब्री से इंतजार है।
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-क्या आप इस बात को मानती हैं कि झूठ बोलना नुकसान पहुंचने वाला नहीं हो सकता?
मैं अंदाजा लगा सकती हूं कि ऐसा हो सकता है, मुझे लगता है कि यह परिस्थिति पर निर्भर करता है। मैं झूठ बोलती हूं लेकिन मैं बहुत आगे तक नहीं जा पाती हूं और आसानी से पकड़ में आ जाती हूं, इसलिये मुझे लगता है कि झूठ बोलना मुश्किल होता है।
-कोई ऐसा झूठ बोला हो, जिसमें आप आखिरकार पकड़ी गईं या फिर ऐसा, जिसमें कभी पकड़ी नहीं गईं?
मैं आखिर में हमेशा पकड़ी जाती हूं। लेकिन एक ऐसी घटना है, जब मैं बच निकली थी। तो मैं 10वीं क्लास में थी और हमारा साइंस का प्रैक्टिकल था, जिसके लिये हमें प्रैक्टिकल लॉग्स रखना पड़ता था। हमें वह लॉग्स जमा करना होता था और मैंने अपना असाइनमेंट पूरा नहीं किया था। मैंने अपने बायोलॉजी के टीचर को इस बात के लिये मना लिया था कि मैंने भी सबकी तरह अपना लॉग्स दे दिया है, और उन्होंन उसे गुमा दिया। उन्होंने मेरी कहानी मान ली और मुझे सी ग्रेड दिया, जिसे लेकर मैं बहुत खुश थी। वह झूठ तब तक सामने नहीं आया जब तक कि स्कूल मीटिंग में मेरे पैरेंट्स, मेरे टीचर से नहीं मिले और मेरी मां ने उनसे यह कहा कि मैं जानती हूं कि मेरी बेटी ने वह फाइल नहीं दी है, लेकिन वह उस पर काम कर रही है। वह टीचर बहुत हैरान हो गईं और मैं पकड़ी गई।
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