भारत की मिसाइल सफलताओं के बीच अब एक और सफलता जुड़ गयी है। गुरूवार की सुबह राजस्थान के पोखरण परीक्षण रेंज में ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल का सफल परिक्षण किया गया जिसकी गति ध्वनि की गति से करीब 2.8 गुना ज्यादा (MACH2.8) बताई जा रही और इसकी रेंज करीब 290 किलोमीटर है. भारत और रूस द्वारा बनायीं गयी इस मिसाइल का नाम दो नदियों के मेल से बना है जो है ब्रह्मपुत्र और मोरकवा नदी. इसकी रेंज अब करीब 400 किलोमीटर तक बढ़ाई जा सकती है।
ब्रह्मोस मिसाइल को 40 सुखोई युद्धक विमानों से जोड़ने का काम चल रहा हैं और यह भारतीय वायुसेना और सुरक्षा के नज़रिये से एक बेहतर कदम होगा। साल 2006 में यह मिसाइल भारतीय नौसेना और थल सेना का हिस्सा बनी थी और अब इसका यह संभाग धीमी गति से चलने वाले पोटो के स्थान पर कारगर साबित होंगे। इसकी ख़ास बात यह है की इसको अपने लक्ष्य से 1500 किलोमीटर की दूरी से दागा जा सकता है और बाकी 400 किलोमीटर यह खुद तय कर लेगी
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