नई दिल्ली- केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि आने वाले दो से तीन सालों में एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों का पाठ्यक्रम बदल जाएगा।
जावड़ेकर ने हालांकि, जोर देकर कहा कि बहुत सारी सूचनाएं शिक्षा नहीं हैं। शिक्षा का मुख्य उद्देश्य एक अच्छा इंसान बनाना है। यह हमारे दैनिक जीवन में मूल्य शिक्षा, जीवन कौशल, अनुभवात्मक शिक्षा और शारीरिक फिटनेस को विकसित करने की जरूरत है।” ।
उन्होंने कहा कि एनसीईआरटी पाठ्यक्रम को बदलने का विचार छात्रों पर बोझ को कम करना है और उन्हें विभिन्न विषयों के बुनियादी सिद्धांतों को सीखना है।
उन्होंने कहा, “हमने एनसीईआरटी (शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) को वर्तमान पाठ्यक्रम का मूल्यांकन करने और तय करना है कि इसके साथ क्या किया जा सकता है और क्या रखा जाना चाहिए।”
जावड़ेकर ने यह भी कहा कि मंत्रालय ने इस सप्ताह अपनी वेबसाइट पर एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को कम करने के लिए शिक्षा के क्षेत्र में संबंधित शिक्षकों, माता-पिता, शैक्षिक विशेषज्ञों, छात्रों और हितधारकों से सुझाव के लिए अनुरोध किया है।
उन्होंने कहा कि दो महीने बाद, वह सुझावों की समीक्षा करेंगे और तदनुसार पाठ्यक्रम को कम करने के लिए उपाय करेंगे।
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