उन्होंने यह भी कहा कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने राज्य स्तर पर स्कीमों के सफलतापूर्वक कार्यान्वयन के लिए कई पहलें की हैं। राज्य सरकारों से अनुरोध किया गया था और उन्हें स्मरण कराया गया था कि वे ऐसे परिवर्तनकारी प्रस्ताव भेजें जिनसे महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षा में वृद्धि हो सकती है। विभिन्न राज्यों/केन्द्रीय मंत्रालयों से निर्भया कोष के तहत वित्त पोषित करने के लिए कई प्रस्ताव प्राप्त हो रहे हैं जो सतत प्रक्रिया के भाग के रूप में संबद्ध मंत्रालयों द्वारा मूल्यांकन के लिए जांच के विभिन्न चरणों में हैं।
योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी अधिकारियों की एक सशक्त समिति के माध्यम से की जा रही है जो मंत्रालयों द्वारा योजनाओं/प्रस्तावों के मूल्यांकन और सिफारिश के लिए महिला एवं बाल विकास समिति द्वारा सिफारिश/मूल्यांकन के बाद संबंधित मंत्रालय/विभाग प्रस्ताव की मंजूरी के लिए सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी लेता है।
सशक्त समिति समय-समय पर अलग–अलग मंत्रालयों/विभागों/राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्रस्तावित/परियोजनाओं का मूल्यांकन, सिफारिश और समीक्षा करती है। अब तक सशक्त समिति की 17 बैठकें आयोजित की गई हैं।
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