नई दिल्ली। जीएसटी(गुड्स एंड सर्विस टैक्स) को संसद के सेंट्रल हाल में आज आधी रात को हरी झंडी दिखाई जाएगी। आजादी के बाद से यह सबसे बड़ा कर सुधार लागू होने वाला है।
स्वतंत्र भारत में यह चौथा मौका होगा जब संसद के सेंट्रल हाल में आधी रात को सत्र बुलाया गया है। 14 अगस्त 1947 को पहली बार आधी रात को पहली बार संसद के सेंट्रल हाल में विशेष सत्र बुलाया गया था। आजादी मिलने के मौके पर आयोजित इस सत्र में तात्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद और प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भाषण दिये थे। दूसरी बाद आजादी के 25 साल पूरे होने के मौके पर 14 अगस्त 1972 को आधी रात को आधी रात को सत्र बुलाया गया था। इसके बाद आजादी की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर भी मिडनाइट सेशन आयोजित हुआ था।
कौन कर रहा है विरोध
कांग्रेस ने इस विशेष सत्र का बहिष्कार करने की घोषणा की है। उसका कहना है कि यह आयोजन महज एक तमाशा है और आजादी के आंदोलन का अपमान है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, जीएमके और वामदलों ने भी इस आयोजन से किनारा करने की घोषणा की है। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी एकता को धता बताने वाले जद(यू) इस आयोजन में हिस्सा ले सकता है। लेकिन बिहार के मुख्मंत्री नीतीश कुमार के समारोह में शामिल होने को लेकर संशय बना हुआ है। उधर भारतीय उद्योग और बाजार मंडल ने शुक्रवार को दुकानें बंद रखने की घोषणा की है।
क्या होना है
संसद के सेंट्रल हाल में रात 11 बजे से समारोह क शुरूआत होगी। पहले राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण होगा। इस दौरान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा भी मौजूद रहेंगे। पूर्व वित्त मंत्री के नाते मनमोहन सिंह को भी आमंत्रित किया गया हा लेकिन कांग्रेस के बायकाट के कारण उनके उपस्थित होने को लेकर दुविधा बनी है। भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह, सुप्रीम कोर्ट के जज, हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा भी समारोह में शिरकत करेंगे। इसके अलावा जीएसटी के ब्रांड एंबेसडर अमिताभ बच्चन, लता मंगेश्कर, रतन टाटा, हरीश साल्वे, सोली सोराबजी जैसी गैर राजनीतिक हस्तियां भी शामिल हो सकती हैं। जीएसटी को लागू करने में सरकार के प्रयासों से संबंधित दो शार्ट फिल्में भी दिखाई जाएंगी।
कहां-कहां है जीएसटी
दुनिया के करीब 150 देशों में जीएसटी लागू है। लेकिन सभी देशों में अलग-अलग दरें लागू हैं। जापान और कनाडा में 5-5 फीसदी, सिंगापुर में 7 फीसदी, जर्मनी में 19, फ्रांस में 19.6, स्वीडन में 25, आस्ट्रेलिया में 10, न्यूजीलैंड में 15 जबकि पाकिस्तान में यह 18 फीसदी लागू है।
Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.