नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता और उत्तर प्रदेश चुनाव में मिली करारी हार के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पटना में लालू यादव की महारैली में एक साथ मंच साझा करेंगे।

पटना के गांधी मैदान में आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव ने महारैली का आयोजन 27 अगस्त को किया है। इस रैली में भाजपा विरोधी विभिन्न राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है। यह रैली उत्तर प्रदेश के लिए इसलिए अहम हो गई है क्योंकि प्रदेश के दो घोर विरोधी दल बसपा और समाजवादी पार्टी के आला नेता एक साथ सार्वजनिक तौर पर मंच साझा करेंगे। लालू यादव ने अन्य राजनीतिक दलों के साथ मायावती और अखिलेश यादव को भी रैली में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया है। मायावती ने रैली में भागीदारी के लिए अपनी सहमति पहले ही दे चुकी हैं। अब मैनपुरी में अखिलेश यादव ने पत्रकारों से कहा कि वह भी पटना में लालू यादव की महारैली में हिस्सा लेंगे।
उल्लेखनीय है कि समाजवादी पार्टी और बसपा ने एक समय एक साथ सरकार बनाई थी लेकिन लखनऊ में गेस्ट हाउस कांड के बाद दोनों दलों में काफी तल्खी आ गई थी। अब मुलायम सिंह यादव की जगह समाजवादी पार्टी में अखिलेश यादव ने ले ली है। उत्तर प्रदेश चुनाव में मिली करारी हार के बाद अखिलेश यादव ने कहा था कि जरूरत पड़ी तो वह बसपा से हाथ मिला सकते हैं।
लोकसभा का चुनाव 2019 में होना है। भाजपा की बढ़ती लोकप्रियता और हाल के विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली सफलता के बाद से भाजपा विरोधी मोर्चा बनाने की कवायद शुरू हो गई है। पटना में आयोजित लालू यादव की रैली इस मायने से काफी अहम मी जा रही है। रैली होने के बाद इसमें जुटने वाले नेताओं के बाद ही यह तय हो सकेगा कि इस रैली के बाद विपक्षी एकता कितनी कारगर साबित हो सकती है।







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