मैडम तुसाड्स म्यूजियम में मधुबाला का मोम का पुतला जल्द ही लगाया जाएगा. यह पहला अवसर है जब हिंदुस्तान के क्लासिकल दौर की किसी हस्ती को इस गैलरी में प्रदर्शित किया जा रहा है. यह मोम की फिगर मशहूर फिल्म मुगले आजम में मधुबाला के अनारकली के किरदार से प्रेरित होगी.

मधुबाला का जन्म 14 फरवरी, 1933 को दिल्ली में एक पश्तून मुस्लिम परिवार में हुआ था. मधुबाला अपने माता-पिता की पांचवीं संतान थी और उनके अलावा उनके 10 भाई-बहन थे. मधुबाला आगे चलकर भारतीय हिन्दी फ़िल्मो की एक मशहूर और कामयाब अभिनेत्री बनीं.मधुबाला के अभिनय में एक आदर्श भारतीय नारी को देखा जा सकता था. चेहरे से भावों को भाषा देना और नज़ाक़त उनकी विशेषता थी.
उनकी अभिनय प्रतिभा, व्यक्तित्व और खूबसूरती को देखकर कहा जाता है कि वह भारतीय सिनेमा की अब तक की सबसे महान अभिनेत्री थी. मधुबाला का बचपन का नाम ‘मुमताज़ बेग़म जहां देहलवी’ था. कहा जाता है कि एक ज्योतिष ने उनके माता-पिता से ये कहा था कि मुमताज़ नाम से सबसे ज्यादा ख्याति मिलेगी तथा सबसे ज्यादा धन कमाएगी परंतु उसका जीवन दुखमय होगा. उनके पिता अयातुल्लाह खान ये भविष्यवाणी सुन कर दिल्ली से मुम्बई एक बेहतर जीवन की तलाश मे आ गए.
मधुबाला ने अपना फिल्मी सफर बसन्त (1942) में ‘बेबी मुमताज़’ के नाम से शुरू किया. देविका रानी ‘बसन्त’ में उनके अभिनय से बहुत प्रभावित हुईं, इसके बाद उनका नाम मुमताज़ से बदल कर ‘मधुबाला’ रख दिया. उन्हें बालीवुड में अभिनय के साथ-साथ अन्य तरह के प्रशिक्षण भी दिए गए.
मैडम तुसाड्स की दिल्ली में 22वीं ब्रांच
बता दें कि मैडम तुसाड्स की दिल्ली में 22वीं ब्रांच है. यह मूल रूप से लंदन में स्थापित मोम की मूर्तियों का संग्रहालय है. इस म्यूजियम में विभिन्न क्षेत्रों की मशहूर हस्तियों के मोम के पुतले रखे जाते हैं. इसकी स्थापना 1835 में मोम शिल्पकार मेरी तुसाद ने की थी.

madhubala







Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.