नई दिल्ली। भाजपा ने बिहार के मौजूदा राज्यपाल रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति के लिए अपना उम्मीदवार घषित किया है। एनडीए के पास बहुमत को देखते हुए कोविंद का राष्ट्रपति चुना जाना तय माना जा रहा है। दिल्ली पहुंचने के बाद कोविंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।

भाजपा की ओर से कोविंद के नाम का ऐलान किया जाना विपक्ष के लिए चौंकाने वाला है। उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के निवासी कोविंद भाजपा दलित मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं। वह दो बार राज्यसभा के सदस्य भी रहे। वह आरएसएस से जुड़े रहे हैं। कोविंद पटना से दिल्ली पहुंच चुके हैं जहां उनका दिल्ली हवाई अड्डे पर भाजपा और एनडीए नेताओं ने भव्य किया। एयरपोर्ट पर केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा, थावर चंद गहलौत, दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी और भाजपा महासचिव विजयवर्गीय ने उनका स्वागत किया। दिल्ली रवाना होने से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोविंद से राजभवन में मुलाकात की।
विपक्ष को धक्का
भाजपा के कोविंद के नाम की घोषणा किये जाने के बाद विपक्ष हैरान है। कांग्रेस ने इसे एकतरफा फैसला बताया तो पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि यह सज्जन कौन हैं। वामपंथी नेता सीताराम यचुरी ने कहा है कि विपक्ष अपना नाम २२ जून को तय करेगी। इसके लिए विपक्षी नेताओं की बैठक बुलाई गई है। बसपा नेता मायावती ने कहा है कि अगर विपक्ष ने किसी दलित का नाम राष्ट्रपति पद के लिए नहीं चुनती है तो उनकी पार्टी कोविंद का समर्थन दलित होने के नाते करेगी।
एनडीए को समर्थन
कोविंद को राष्ट्रपति का प्रत्याशी घोषित किए जाने के बाद टीडीपी और टीआरएस ने उन्हें समर्थन देने की बात कही है। भाजपा संसदीय दल की बैठक में कोविंद के नाम पर सहमति के बाद प्रेस कांफ्रेस में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि नाम की घोषणा से पहले विपक्ष और एनडीए घटक दलों को इस बार में सूचित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जानकारी दे दी है। लेकिन एनडीए की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने कोविंद के नाम की घोषणा पर नाराजगी जताई है, लेकिन समर्थन देने पर ऐतराज नहीं जताया है।







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