‘सजन रे फिर झूठ मत बोलो’ शो में जयवीर (हुसैन कुवजेरवाला) और जया (पावर्ती वेज) एक-दूसरे से बहुत अधिक प्यार करते हैं। लेकिन जय को पता नहीं है कि उसके रास्ते में एक बड़ी चुनौती आने वाली है।
जय एक अरबपति का बेटा है। लेकिन इसके बावजूद उसे गरीब होने का नाटक करना पड़ता है। वह यह देखना चाहता है कि क्या गरीब होने के बावजूद जया उसे अच्छा इंसान समझती है। जय की सच्चाई से अनजान जया उससे प्यार करने लगती है। लेकिन जया के पिता, जोकि एक मध्यमवर्गीय परिवार से हैं, अमीरों से नफरत करते हैं। जया के पिता ललितराव लोखंडे (शरद पोंकसे) से मिलने के लिये जय लोखंडे आयुर्वेद आश्रम जाता है। वहां पर वह ललितराव को उन लोगों पर गुस्सा करते देखता है, जो अपने पैसों का दिखावा करते हैं। उसने जो भी देखा, उसके मद्देनजर वह उन्हें चोपड़ा मैंशन ले जाने से इनकार कर देता है। लेकिन ललितराव जय को मना लेता है और उसके साथ उसके घर जाने को तैयार होता है।
इस बीच चोपड़ा मैंशन में उसके पिता परमवीर चोपड़ा (टीकु तलसानिया) अपने भव्य महल में एक शानदार पार्टी रखने की योजना बनाते हैं। लेकिन जय अपने पिता को कॉल कर पार्टी कैंसल करने के लिये कहता है।
जय जब जया और उसके पिता के साथ मैंशन में वापस आता है, तो वे खुद को एक पुराने खंडहरनुमा घर में पाते हैं। लोखंडे जय के परिवार के बारे में पूछताछ करता है। जिस पर वह बहाना बनाते हुये कहता है कि वे किसी बीमार रिश्तेदार से मिलने के लिये गये हैं। इन सबके बीच जय को पता चलता है कि जया के पिता एक आयुर्वेदिक यात्रा के लिये एक साल के लिये शहर से बाहर जा रहे हैं। परमवीर जय को सलाह देता है, जब वह शहर से बाहर नहीं जाते, वह गरीब बनने का नाटक करे। जय और परमवीर गरीब बनने का फैसला करते हैं। इस नाटक में जय का दोस्त दीपक (गौरव दुबे), उनकी पड़ोसन मोनिका मालपानी (राखी विजान) और उनकी सेक्रेटरी प्रिया वालिया भी उनका साथ देते हैं। वह एक ड्रामा डायरेक्टर को नियुक्त करते हैं, जो उन्हें बतायेगा कि गरीब कैसे होते हैं।
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