भारत के लोगों के मन में गोरा होने की कुछ ज्यादा ही चाहत होती है कि वह गोरे रंग को ही सुदंरता से जोड़ने लगते हैं। और इसी में इसका फायदा उठाती हैं फेयरनेस क्रीम बनाने वाली कंपनियां। अगर इस तरह के प्रॉडक्ट्स को अगर स्टार्स करते हैं तो लोगो को यह लगता है की उन पर आंखें बंद करके भरोसा करने लगते हैं। बॉलिवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने हाल ही में ‘वोग’ मैगज़ीन को दिए अपने एक इंटरव्यू में इस बात को माना कि जब उनकी उम्र 15 साल से भी कम थी तो वह खुद को अपने स्किन कलर के कारण दूसरों से कम समझती थीं। प्रियंका ने कहा कि मेरे अंदर सेल्फ स्टीम की बहुत कमी थी। प्रियंका ने कहा कि मैं अपने स्किन कलर की वजह से बहुत कॉन्शस थी क्योंकि भारत में अगर आप गोरे हैं, तभी आपको कोई सुंदर कह सकता हैं।

Priyanka Chopra
फिल्म क्वांटिको में ऐक्ट्रेस प्रियंका ने वोग से अपनी बातचीच में कहा, ‘भारत में डार्क स्किन टोन वाली लड़कियों को अपने बारे में यह सुनने को मिलता है कि वे बेचारी हैं। भारत में त्वचा को गोरा करने वाली क्रीम्स बेची जाती हैं, उनके लिए विज्ञापन किए जाते हैं कि एक हफ्ते में पाएं गोरी त्वचा। जब मैं टीनएजर थी, मैंने भी इस तरह की क्रीम यूज किया करती थी।
प्रियंका ने कहा,’जब मैं लगभग 20 साल की थी, मैंने एक फेयरनेस क्रीम का ऐड किया था। मुझे अपने उस फैसले पर अब भी अफसोस होता है। मैं इस विज्ञापन में उस लड़की की भूमिका निभा रही थी जिसको अपने बारे में इनसिक्यॉरिटीज थीं। जब मैंने उस ऐड को देखा तो मैंने सोचा, हे भगवान! ये मैंने क्या कर दिया? मुझे लगा जैसे मैं बेवकूफ बन गई।’
‘पेपर’ मैगज़ीन से बात करते हुए प्रियंका ने इस ऐड वाले मामले में आगे बताया कि उस ऐड को देखकर मुझे लगा कि यही सब तो मैं सोचा करती थी। मैं यही सोचा करती थी कि मेरे पास जो है, वह पर्याप्त नहीं है। मैंने उस ऐड कंपनी से अपनी डील वापस ले ली और फिर इस तरह के ऐड कभी नहीं किए। ऐड को देखकर मुझे लगा कि मैं उन्हीं चीजों की पैरवी कर रही हूं जिनकी वजह से मुझे अपना बचपन दयनीय लगता था क्योंकि यह नॉर्मल हुआ करता था और सब इस तरह की क्रीम्स को लगाया करते थे।
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