केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, शिपिंग, जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी ने परिवहन के क्षेत्र में प्रदूषण मुक्त एवं किफायती अभिनव साधनों को बढ़ावा देने और आयात प्रतिस्थापन सुनिश्चित करने संबंधी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई। शहरों में भीड़-भाड़ और इससे होने वाले प्रदूषण में कमी करने की जरूरत को रेखांकित करते हुए उन्होंने यह उम्मीद जताई कि देश में एक सुरक्षित एवं दक्ष सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के निर्माण से जुड़े सरकारी विजन और प्रयासों की बदौलत लोग निजी वाहन के बजाय सार्वजनिक परिवहन को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे।
श्री गडकरी आज नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने भारत का पहला ‘आवाजाही में सुगमता’ सूचकांक 2018 जारी किया। यह सूचकांक उन सूचनाओं का स्रोत है जिससे पारगमन एजेंसियों और शहरी योजनाकारों को सूचनाओं पर आधारित निर्णय लेने और नियमित रूप से आवाजाही या यात्रा करने वालों की पसंद के अनुरूप सटीक समाधान या साधन पेश करने में मदद मिलेगी। यह रिपोर्ट ओला मोबिलिटी इंस्टीट्यूट द्वारा तैयार की गई है जो ओला की अनुसंधान एवं सामाजिक नवाचार इकाई (यूनिट) है।
श्री गडकरी ने बताया कि सरकार नये तरह के वाहनों जैसे कि हाइब्रिड एयरो नौकाओं (बोट) का उपयोग करने की संभावनाएं तलाश रही है जिसमें भूमि, जल एवं उड्डयन प्रौदयोगिकी का संयुक्त रूप से उपयोग किया जा सकेगा और इस तरह के वाहन प्रति घंटे 80 किलोमीटर से भी अधिक की रफ्तार से जमीन एवं जल पर चलने के साथ-साथ हवा में उड़ भी सकेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार अगले वर्ष कुंभ मेले के दौरान इन नौकाओं के उपयोग की संभावनाओं पर गौर कर रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली से ताजमहल दर्शन के लिए वहां जाने हेतु यमुना पर भी इन नौकाओं का उपयोग करने की संभावनाए तलाशी जा रही हैं। श्री गडकरी ने बताया कि सरकार पहाड़ी क्षेत्रों में हवाई परिवहन प्रणालियों जैसे कि रोपवे, पॉड, इत्यादि के उपयोग की संभावनाओं पर भी गौर कर रही है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भीड़-भाड़ वाले शहरों में अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने में भी इन हवाई परिवहन प्रणालियों के इस्तेमाल पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है।
Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.