नई दिल्ली। भारत अब चीन को उसी की भाषा में जवाब देने की तैयारी कर रहा है। केंद्रीय रक्षा और गृह मंत्रालय के अधिकारी अरुणाचल प्रदेश में चीनी सीमा तक पहुंचने के लिए बड़ी सुरंगे बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं।

Representative Image
सूत्रों के अनुसार इसी कड़ी में सीमा क्षेत्रों में सड़क निर्माण करने वाले संगठन, सीमा सड़क संगठन (BRO) को तवांग में दो लेन की सुरंग बनाने का काम सौंपा गया है। बता दें कि इस सुरंग का निर्माण पूरा हो जाने से 13,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित सेला दर्रे का उपयोग खत्म हो जाएगा और पहाड़ी यात्रा के बजाए सीमा तक की दूरी में 7 किलोमीटर की कमी आ जाएगी।
Also Read: गुजरात मे बाढ़ का कहर
इतना ही नहीं यह सुरंग बनने से पूर्वी हिमालयी राज्य के पहाड़ी इलाकों तक पहुंचने की दूरी तो कम होगी ही इसके साथ ही समय भी बचेगा। मिली जानकारी के अनुसार बीआरओ के प्रोजेक्ट कमांडर आरएस राव ने पश्चिमी कामेंग की उपायुक्त सोनल स्वरूप से मुलाकात की और उन्हें जमीन की जरूरत के संबंध में अन्य दस्तावेज सौंपे सुरंग बनाने के लिए 7 किलोमीटर जमीन मांगी गई है।
Also Read: कोविंद ने राष्ट्रपति पद की शपथ ली
फिलहाल तिब्बत की सीमा तक पहुंचने के लिए गुवाहाची से भालुकपोंग होकर तवांग तक कुल 496 किलोमीटर का रास्ता तय करना होता है। सुरंग बनने से कई घंटों का समय बचेगा। अधिकारियों की मानें तो सेला दर्रे का रास्ता ना प्रयोग में लाना पड़े इसके लिए तवांग तक की 12.37 किलोमीटर सड़क पर काम चल रहा है
सुरंगें 11,000 और 12,000 फीट की ऊंचाई पर बनाई जाएंगी। मानसून खत्म होने के बाद जमीन अधिग्रहण के लिए सर्वेक्षण शुरू किया जाएगा। दूसरी ओर असम में भी बांग्लादेश सीमा को सील करने का काम शुरू कर दिया गया है। राज्य के सीएम सर्वानंद सोनोवाल ने इस काम में सेना की मदद मांगी है।
Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.