नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार दूसरे वर्ष भारत का हज कोटा बढ़ाने में सफलता मिली है। स्वतंत्रता के बाद पहली बार हज 2018 के लिए एक लाख 75 हजार और 25 श्रद्धालु भारत से जाएंगे। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री श्री मुख्तार अब्बास नकवी और सऊदी अरब मक्का सम्राज्य के हज और उमरा मंत्री द्वारा भारत और सऊदी अरब के बीच द्विपक्षीय वार्षिक हज 2018 समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने के बाद सऊदी अरब सरकार द्वारा 2018 के लिए भारत का हज कोटा बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि 3 वर्ष पहले भारत का हज कोटा 1,36,020 था। यह पिछले दो वर्षों में बढ़कर रिकार्ड 1 लाख 75 हजार और 25 हो गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की बढ़ती लोकप्रियता के कारण और श्री मोदी के नेतृत्व में सऊदी अरब तथा अन्य अरब देशों के साथ भारत के मित्रतापूर्ण और मजबूत संबंधों के कारण हुआ है। श्री नकवी ने बताया कि पिछले वर्ष भी सऊदी अरब ने भारत का हज कोटा 35 हजार बढ़ाया था।
भारत सरकार और भारत के लोगों की ओर से श्री नकवी ने दो पवित्र मस्जिदों के कस्टोडियन महामहिम शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज अल सउद तथा सऊदी अरब सरकार को भारत के हज कोटे में वृद्धि के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त सऊदी अरब ने समुद्री मार्ग से हज श्रद्धालुओं को भेजने के विकल्प को जीवित करने के भारत के निर्णय को हरी झंडी दी है। दोनों देशों के अधिकारी आवश्यक औपचारिकताओं और तकनीकों पर बातचीत करेंगे ताकि आने वाले वर्षों में समुद्री मार्ग से श्रद्धालु हज के लिए जा सकें।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने बताया कि हज 2018 के लिए 3 लाख 55 हजार आवेदन प्राप्त किए गए। श्री नकवी ने कहा कि पहली बार भारत से कोई मुस्लिम महिला मेहरम (पुरूष साथी) के बिना हज यात्रा पर जाएगी। 1300 से अधिक महिलाओं ने मेहरम के बिना हज यात्रा का आवेदन किया है और इन सभी महिलाओं को लॉटरी प्रणाली से छूट दी जाएगी तथा हज यात्रा पर जाने की अनुमति दी जाएगी। नई भारतीय हज नीति के अनुसार 45 वर्ष से अधिक आयु की हज यात्रा करने की इच्छुक वैसी महिलाओं को जिनका कोई पुरूष साथी नहीं है उन्हें चार या उससे अधिक महिलाओं के समूह में हज यात्रा पर जाने की अनुमति होगी।
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