संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित ऐतिहासिक मध्य रात्रि सत्र के बीच शुक्रवार शनिवार की मध्य रात्रि से वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था लागू हो गई।
शुक्रवार की रात 11 बजे से संसद के सेंट्रल हाल में आयोजित इस समारोह में वित्त मंत्री अरुण जेटली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने भाषण दिए। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने 12 बजते ही बटन दबा कर जीएसटी का शुभारंभ किया। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा कि जीएसटी एक उपहार है और देश की आर्थिक क्षमता, कर अनुकूलता, घरेलू और विदेशी विनिवेश को बढ़ाने में यह अहम भूमिका निभाएगा। समारोह के दौरान दर्शक दीर्घा में लता मंगेशकर, रतन टाटा और अमिताभ बच्चन उपस्थित थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि यह दिन देश का भविष्य निर्धारित करने के लिहाज से एक निर्णायक मोड़ है। उन्होंने याद किया कि संसद का यह केंद्रीय कक्ष पहले भी कई ऐतिहासिक अवसरों का साक्षी रहा है जिसमें संविधान सभा का पहला सत्र, भारत की आजादी और संविधान को अंगीकार करना शामिल हैं। उन्होंने जीएसटी को सहकारी संघवाद का एक उदाहरण बताया।
उन्होंने चाणक्य का उल्लेख करते हुए कहा कि कड़ी मेहनत सभी बाधाओं को दूर कर सकती है और यह हमें सबसे कठिन उद्देश्यों को पूरा करने में भी मदद करती है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार सरदार पटेल ने देश का राजनीतिक एकीकरण सुनिश्चित किया था, उसी तरह जीएसटी आर्थिक एकीकरण सुनिश्चित करेगा। प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन, जिन्होंने कहा था कि आयकर दुनिया में समझने के लिए सबसे मुश्चिकल चीज है, को याद करते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी एक राष्ट्र-एक कर सुनिश्चित करेगा। उन्होंने कहा कि जीएसटी से समय और लागत में काफी बचत होगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की सीमाओं को पार करते समय होने वाली देरी से जलने वाले इंधन की अब बचत होगी और इससे पर्यावरण को भी फायदा पहुंचेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि जीएसटी एक आधुनिक कर प्रशासन को बढ़ावा देगा जो अपेक्षाकृत आसान एवं अधिक पारदर्शी होगा और इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी।
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