प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज शिरडी, महाराष्ट्र का दौरा किया। उन्होंने इस सभा में श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट के विभिन्न विकास कार्यों की आधारशिला रखते हुए पट्टिका का अनावरण किया। उन्होंने श्री साईंबाबा समाधि के शताब्दी वर्ष के उपलक्ष में एक चांदी का सिक्का भी जारी किया। इश अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत महाराष्ट्र के लाभार्थियों को गृहप्रवेश के लिए उनके घर की चाबियां सौंपी। उन्होंने वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से सतारा, लातूर, नंदुरबार, अमरावती, ठाणे, सोलापुर, नागपुर जैसे महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों के लाभार्थियों से बातचीत भी की। इन लाभार्थियों में से ज्यादातर महिलाएं ही हैं, इन महिलाओं ने प्रधानमंत्री को नए अच्छे गुणवत्ता वाले घरों, पीएमएई-जी योजना के तहत क्रेडिट एवं भ्रष्टाचार मुक्त प्रक्रिया के लिए धन्यवाद दिया। बाद में प्रधानमंत्री ने उपस्थित जन-समूह को संबोधित भी किया।
इस अवसर पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने पहले सभी देशवासियों को दशहरा की बधाई दी। उन्होंने कहा कि दशहरा के इस शुभ अवसर पर उन्हें देशवासियों के लिए काम करने की ऊर्जा एवं उत्साह मिलता है। समाज के लिए श्री साईबाबा के योगदान को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी शिक्षा हमें एक मजबूत एकीकृत समाज बनाने और प्यार के साथ मानवता की सेवा करने के लिए मंत्र देता है। उन्होंने कहा कि शिरडी को हमेशा सार्वजनिक सेवा का प्रतीक माना जाता है। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि श्री साईंबाबा संस्थान ट्रस्ट साईंबाबा द्वारा निर्धारित मार्ग का पालन कर रहा है। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से समाज को सशक्त बनाने और आध्यात्मिक शिक्षाओं के माध्यम से विचारों को आगे बढ़ाने में ट्रस्ट के योगदान की सराहना की।
दशहरा के इस शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत 2 लाख से ज्यादा लाभार्थियों को नए घर देने पर खुशी व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह गरीबी के खिलाफ लड़ाई की दिशा में एक बड़ा कदम है। 2022 तक ‘सभी के लिए आवास’ सुनिश्चित करने में सरकार के प्रयासों के बारे में बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले चार वर्षों में, सरकार ने 1.25 करोड़ से ज्यादा घर बनाए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि हर घर न केवल अच्छी गुणवत्ता का हो बल्कि उसमें शौचालय, गैस कनेक्शन और बिजली भी साथ-साथ हो।
सभा को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने महाराष्ट्र को ओडीएफ (खुले में शौच मुक्त) राज्य बनाने के लिए लोगों को बधाई दी। उन्होंने स्वच्छ भारत योजना की दिशा में महाराष्ट्र सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की भी सराहना की। इस संदर्भ में, प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई) के बारे में बात की और कहा कि अब तक लगभग एक लाख लोगों को इस योजना से लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि पीएमजेएवाई के तहत, आधुनिक चिकित्सा आधारभूत संरचना तैयार की जा रही है।
प्रधान मंत्री ने महाराष्ट्र सरकार द्वारा सूखे से निपटने के लिए किए गए प्रयासों की भी सराहना की। इस संदर्भ में, उन्होंने कृषि सिंचाई योजना और फसल बीमा योजना का उल्लेख किया और महाराष्ट्र सरकार के जलयुक्त शिविर अभियान की भी सराहना की। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार द्वारा किए गए सिंचाई नहरों के विघटन में लोगों की भागीदारी की भी सराहना की।
बी आर अम्बेडकर, ज्योतिराव फुले और छत्रपति शिवाजी को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने देशवासियों से उनके महान आदर्शों और शिक्षाओं का पालन करने और एक मजबूत अविभाजित समाज बनाने की दिशा में काम करने के लिए कहा। उन्होंने लोगों से “सबका साथ, सबका विकास” और “एक भारत, श्रेष्ठ भारत” प्राप्त करने की दिशा में काम करने का भी आग्रह किया। दिन की शुरूआत में प्रधानमंत्री ने श्री साईंबाबा समाधि मंदिर परिसर का दौरा किया और प्रार्थना की। उन्होंने श्री साईंबाबा के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में भी भाग लिया।
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