नई दिल्ली. फेक न्यूज करने पर पत्रकारों की मान्यता रद्द करने के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के फैसले को पीएमओ ने वापस लेने को कहा है। पीएमओ ने पूरे मामले में दखल देते हुए स्मृति इरानी के मंत्रालय से कहा कि फेक न्यूज को लेकर जारी की गई प्रेस रिलीज को वापस लिया जाना चाहिए। पीएमओ ने कहा कि यह पूरा मसला प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और प्रेस संगठनों पर छोड़ देना चाहिए। पीएमओ ने कहा कि ऐसे मामलों में सिर्फ प्रेस काउंसिल को ही सुनवाई का अधिकार है।
स्मृति ईरानी के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यह गाइडलाइन सोमवार को जारी की थी जिसके अनुसार कोई भी पत्रकार के पहले दिए गए फेक न्यूज पर 6 महीने की अधिमान्यता निलंबित कर दी जाएगी। दूसरी बार में 1 साल और तीसरी बार में हमेशा के लिए अधिमान्यता रद्द कर दी जाती। इस मुद्दे पर कांग्रेस ने भी सवाल उठाए थे। अब प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि इससे जुड़े मुद्दों पर प्रेस काउंसिल और न्यूज एंड ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) जैसी संस्थाएं ही विचार करें।
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