25 May 2020, Harshita
मुस्लिम समुदाय में ईद का बहुत अधिक महत्व होता है और लोग इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। रमजान के पाक महीने के बाद चांद दिखने के बाद इस त्योहार को मनाया जाता है। ईद से पहले मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रख अल्लाह की इबादत करते हैं। ईद चांद से जुड़ा हुआ पर्व है, चांद के दीदार के बाद ही इस पावन पर्व को मनाया जाता है।
कब मनाई जाएगी ईद
इस बार ईद 25 मई को मनाई जा सकती है। अगर 24 मई, रविवार को चांद दिख गया तो सोमवार 25 मई को ईद का पावन पर्व मनाया जाएगा
चांद का महत्व
ईद का त्योहार चांद से जुड़ा हुआ है। मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए चांद बहुत खास महत्व रखता है। मुस्लिम कैलेंडर चंद्रमा की उपस्थिति और अवलोकन द्वारा ही निर्धारित किया गया है। चांद के दीदार के बाद ही रमजान की शुरुआत होती है और चांद के दीदार के बाद ही ईद का पावन त्योहार मनाया जाता है।
एक महीने के रोजा रखने का बाद उत्सव का दिन
रमजान के महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग रोजे रखते हैं और अल्लाह की इबादत करते हैं। रमजान के पाक महीने में सूर्योदय से सूर्यास्त तक रोजा रखा जाता है। रोजा रखने वाले लोग सूर्योदय से पहले उठकर भोजन कर लेते हैं, इसे सहरी कहा जाता है। इसके बाद रोजा रखने वाले दिनभर कुछ भी नहीं खाते- पीते नहीं हैं। सूर्यास्त होने के बाद रोजा रखने वाले रोजा खोलते हैं, इसे इफ्तार कहा जाता है। ईद का दिन उत्सव का दिन होता है, इस दिन लोग एक दूसरे के गले मिल ईद की बधाइयां देते हैं। इस बार लॉकडाउन की वजह से घर में रहकर ही ईद मनाई जाएगी।
रोजे रखने का महत्व
मुस्लिम समुदाय में रमजान के पाक महीने में रोजे रखने का विशेष महत्व होता है। मुस्लिम समुदाय के अनुसार सात साल से ऊपर के हर स्वस्थ व्यक्ति को रोजे रखने चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस पाक महीने में रोजे रखने से अल्लाह सभ
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