दिल्ली सरकार पर एक-एक कर कई संकट छा रहे है. कभी मंत्रियों पर, तो कभी सरकार पर, तो कभी मेयर पर और अब बजट पर….
गृह मंत्रालय द्वारा पूछे गए सवालों पर तंज कसते हुए दिल्ली सरकार ने दिया जवाब. दिल्ली में बैठी केंद्र और राज्य सरकार के यह अन बन नई नहीं हैl बीते वर्षों में भी दोनों की सास बहू वाली लड़ाइयां सामने आई है पर बजट पर सवाल यह भी है कि आम आदमी पार्टी अपनी चकाचौंध को बढ़ाने के लिए विज्ञापन पर खूब पैसा उड़ा रही है पर वही इन सब को नकारते हुए दिल्ली सरकार ने बताया कि बजट में 78800/- करोड़ इंफ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए जाने है. जिनमें से 22000करोड़ बुनियादी ढांचे पर खर्च किए जाएंगे l विज्ञापन के लिए मात्र 550 करोड़ की धनराशि आवंटित की गई है.
दिल्ली सरकार के वित्त मंत्री ने दी कुछ इस प्रकार की प्रतिक्रिया
कैलाश गहलोत ने कहा, “अब पता चला है कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के बजट पर कुछ चिंताएं जताई थीं और 17 मार्च को मुख्य सचिव को भेजे पत्र के जरिए इसे मंजूरी देने से इनकार कर दिया था. लेकिन दिल्ली के मुख्य सचिव पत्र को 3 दिन तक छिपा कर रखा. मुझे इस लेटर के बारे में बजट एक दिन पहले 2 बजे पता चला”. इन सभी मुद्दों को हर पहलू से देखते हुए यह भी कहा जा सकता है जिस प्रकार से केंद्र सरकार अपने विज्ञापनों पर खर्चा करती है उसकी तुलना में दिल्ली सरकार के विज्ञापन पर खर्चा कुछ भी नहीं है.

DHRUV SHUKLA (BMC2)
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