नई दिल्ली। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू किए जाने के बाद पेश किए गए प्रथम आम बजट 2018-19 में केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने पिछले दो दशकों की अंतर्निहित नीति से कुछ अलग हटकर कदम उठाया है। इस नीति के तहत आम तौर पर सीमा शुल्क में कटौती की जाती थी। वहीं, आज यहां संसद में पेश किए गए आम बजट 2018-19 में श्री जेटली ने यह स्वीकार किया कि कुछ विशेष क्षेत्रों जैसे कि खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो कलपुर्जों, फुटवियर और फर्नीचर में घरेलू मूल्य वर्द्धन की व्यापक गुंजाइश है। अतः इसे ध्यान में रखते हुए वित्त मंत्री ने काजू प्रसंस्करण उद्योग की मदद करने के उद्देश्य से कच्चे काजू पर सीमा शुल्क को 5 प्रतिशत से घटा कर 2.5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा है।
घरेलू मूल्य वर्द्धन एवं ‘मेक इन इंडिया’ को और ज्यादा प्रोत्साहित करने के लिए वित्त मंत्री ने मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क को 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने, इसके कुछ कलपुर्जों एवं सहायक सामान पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने तथा टीवी के कुछ विशेष कलपुर्जों पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है। श्री जेटली ने कहा कि इस कदम से देश में और ज्यादा रोजगारों के सृजन को काफी बढ़ावा मिलेगा। दरअसल, इस कदम से आयातित उत्पादों की तुलना में घरेलू उत्पाद सस्ते हो जाएंगे और इसके परिणामस्वरूप मांग काफी बढ़ जाएगी, जिससे आम जनता के लिए और ज्यादा रोजगार अवसर सृजित होंगे।
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