नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि सिविल सेवक किसी राजनीतिक व्यवस्था या व्यक्ति के साथ जुड़़ने से बचें।
लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी के 119वें प्रवेश प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द ने कहा कि हमारी शासन प्रणालियों और नौकरशाही व्यवस्था की गुणवत्ता के बारे में अकसर किए जाने वाले जायज प्रश्नों को हम अनदेखा नहीं कर सकते। कई बार ये धारणाएं वास्तविकता से उलट हो सकती हैं। परंतु इन धारणाओं का होना जरूरी है।

The President, Shri Ram Nath Kovind addressing the State Civil Service Officers, promoted to the IAS, 119th Induction Training Programme at the Lal Bahadur Shastri National Academy of Administration, Mussoorie, at Rashtrapati Bhavan,
उन्होंने कहा कि एक धारणा यह भी है कि कुछ अधिकारी बाद में किसी न किसी राजनीतिक व्यवस्था या व्यक्ति के साथ जुड़ जाते हैं। आपको इससे बचना होगा।आपके सामने सबसे बड़ी चुनौती भारत के लोगों को, जिनकी सेवा करने का दायित्व आपको सौंपा गया है, यह भरोसा दिलाना है कि सिविल सेवक निष्पक्ष, ईमानदार, कुशल और योग्य होते हैं।
जन सेवक के रूप में आपका व्यक्तिगत आचरण अनुकरणीय होना चाहिए। आपके कार्य संबंधी आचरण में ईमानदारी और निष्ठा, विनम्रता और भारत और हमारे समाज की अनेकता के प्रति संवेदनशीलता का होना बहुत जरूरी है। आपको अपने आप से यह प्रश्न पूछना चाहिएः आप वास्तव में किसके लिए कार्य करते हैं? इसका सीधा सा उत्तर होगा कि आप भारत के लोगों के लिए कार्य करते हैं।परंतु ऐसे लोग भी हैं जिन्हें सरकार की जरूरत है और दूसरों से ज्यादा आपके सहयोग और सेवा की जरूरत है। ये हमारे वे देशवासीहैं जो आर्थिक रूप से कमजोर, सामाजिक रूप से पिछड़े हुए और राजनीतिक रूप से शक्तिहीन हैं। और उनमें महिलाएं भी शामिल हैं जिनके साथ महिला होने के कारण भेदभावपूर्ण बरताव किया जाता है। आपको इन वर्गों की ओर विशेष ध्यान देना होगा।
कोविंद ने कहा कि यहां गांधी जी के इस सूत्र को ध्यान में रखना उपयोगी होगा, ‘‘जब भी शंका हो… ऐसे सबसे गरीब और सबसे कमजोर व्यक्ति का चेहरा याद करें जिसे आपने देखा हो और खुद से ये सवाल करें कि आप जिस कदम को उठाने का विचार कर रहे हैं, उससे उसे कितना फायदा होगा।’’ यह सूत्र आपके लिए मार्गदर्शक होना चाहिए।
सिविल सेवाओं को राजनीतिक शासन की विशाल प्रणाली के दायरे में कार्य करना होगा। लोकतंत्र में नेताओं को जनता की इच्छाओं का प्रतिनिधित्व करने और सरकार का एजेंडा तैयार करने के लिए चुना जाता है। सिविल सेवकों को नीति को तैयार करने और उसे अमल में लाने के लिए राजनीतिक कार्यपालिका की मदद करनी होती है।
Leave a Reply
You must be logged in to post a comment.