नयी दिल्ली: कश्मीर में लेफ्टिनेंट उमर फयाज की हत्या के बाद जम्मू सेे असिस्टेंट कमांडेंट नबील अहमद वानी को आतंकवादियों ने धमकी दी है। असिस्टेंट कमांडेंट नबील अहमद वानी ने सरकार को एक पत्र लिखकर ये आरोप लगाया है कि उन्हें और उनकी बहन को आतंकवादियों से धमकी मिली है। पिछले साल असिस्टेंट कमांडेंट नबील अहमद वानी ने बीएसएफ कि परीक्षा में अव्वल आए थे।
नबील अहमद वानी का कहना है कि उनकी बहन चंडीगढ़ में सिविल इंजीनियरिंग की छात्रा है और वो वहीं के हॉस्टल में रह रही थी। कॉलेज प्रशासन का यह कहना कि उनकी बहन कहीं और चली जाए। 14 मई को वानी ने बाल विकास एवं महिला मंत्री मेनका गाँधी को पत्र लिखकर निदा रफीक के लिए हॉस्टल सुविधा की व्यवस्था कराने के लिए कहा। इस दौरान नबील अहमद वानी ग्वालियर के नजदीक टेकमपुर में बीएसएफ ट्रेनिंग सेंटर में हैं। वानी ने वहीं से एक मीडिया एजेंसी को फ़ोन पर कहा, “वह चिंतित हैं कि उसे एक कश्मीरी होने, खासतौर से मेरी पृष्ठभूमि के कारण रहने की जगह नहीं मिलेगी। मैं निजी मामले में बीएसएफ को शामिल नहीं करना चाहता इसलिए मैंने मंत्री को पत्र लिखा।”
साथ ही असिस्टेंट कमांडेंट नबील अहमद वानी ने ये भी कहा की उन्होंने अपने सीनियर अधिकारियों को कहा कि जवानों को छुट्टी पर जाने के समय अपने हथियार साथ ले जाने की अनुमति दी जाए, खासतौर पर आतंकवाद प्रभावित इलाकों में रहने वालों के लिए। ‘मेरे और मेरे परिवार के सदस्यों जैसे लोगों को हमेशा आतंकवादियों से धमकी मिलती रहती है। लेफ्टिनेंट उमर फयाज की हत्या के बाद मैं अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं। मेरी मां जम्मू में अकेली रहती हैं जबकि मेरी बहन चंडीगढ़ में है। मैं अब चिंतित हूं क्योंकि आतंकवादी हमारे परिवारों को निशाना बना रहे हैं।’’ असिस्टेंट कमांडेंट नबील अहमद वानी ने कहा।
वानी के लिखे गए पत्र का अगले ही दिन मंत्रालय से जवाब आया। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘मंत्री ने इस मामले को लेकर तुरंत कॉलेज प्रशासन से बात की जिन्होंने अब नबील की बहन को हॉस्टल में रहने की अनुमति दे दी है।’’ वानी ने कहा, ‘‘मैं अब उन सभी कश्मीरियों के लिए चिंतित हूं जो सेना या पैरामिलिट्री फोर्स में सेवारत हैं। हम (कश्मीरी) काफी विरोध के बावजूद सेना में शामिल हुए और अब कश्मीरी जवानों को मारने का चलन हमारे ऊपर तलवार लटकने जैसा है। यह काफी चिंताजनक है।’’ वानी ने अपनी बहन के बारे में कहा, ‘‘वह अब सुरक्षित है। उसके लिए दुआ कीजिए, वह जम्मू-कश्मीर से भारतीय सेना में शामिल होने वाली पहली महिला बनना चाहती है।’’
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